कांकेर। पखांजूर ब्लॉक के करकाघाट और तुमिड़घाट में लगे बीएसएफ कैंप को हटाने की मांग को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने एक बार फिर प्रदर्शन किया. नाराज आदिवासी समाज ने आज दोबारा बड़गांव थाना क्षेत्र के मुख्यमार्ग पर 1 घंटे तक चक्काजाम कर राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

दरअसल पिछले 3 महीने पहले पखांजूर में धरना प्रदर्शन किया गया था. जिसमें 6 दिनों तक लगातार धरना प्रदर्शन करने के बाद प्रशासन ने एक महीने का समय लिया गया था और आश्वासन दिया गया था कि सरकार विचार विमर्श कर फैसला करेगी. लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक बीएसएफ कैंप को हटाया नहीं गया. जिससे चलते नाराज आदिवासी समाज ने आज दोबारा बड़गांव थाना क्षेत्र के मुख्यमार्ग पर 1 घंटे तक चक्काजाम कर राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा.

आदिवासी समाज का मानना है, जहां बीएसएफ कैंप खोला गया है, वो स्थल देव स्थल है. देवी देवता उस स्थान में रहते है. बिना ग्रामसभा के जानकारी के उस स्थान पर बीएसएफ कैंप बैठाया गया है. सरकारी हमारी भवनाओं के साथ खेल रही है.

इस पर सर्वाधिक समाज के ब्लॉक अध्यक्ष सियाराम पूडो ने बताया कि 3 महीने पूर्व में कड़काघाट और तुमिरघाट में नए बीएसएफ कैंप खोलने के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने कड़काघाट और पखांजुर में कई दिनों के धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन के माध्यम से बीएसएफ कैम्प को हटाने का मांग किया गया था. लेकिन आज तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला. जिसके चलते आज बड़गांव में चक्का जाम किया गया है. इसके साथ ही राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया गया है.

पखांजुर तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा ने कहा कि कड़काघाट और तुमिरघाट में बीएसएफ कैंप खोलने के विरोध में आज सर्व आदिवासी समाज द्वारा बड़गांव में चक्का जाम किया गया था. साथ ही कुछ अन्य मांगे थे. बीएसएफ कैंप के विरोध में पहले आंदोलन करते हुए ज्ञापन दिया गया था. ज्ञापन को आगे भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं आया है.