शब्बीर अहमद, भोपाल। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने पूरे शबाब पर है। तमाम सियासी दल के स्टार प्रचारक चुनाव में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। इन चुनावों में मध्यप्रदेश के नेताओं को भी उनके दलों ने जिम्मेदारियां दी है। कांग्रेस-बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट सामने आ चुकी है, जिस पर अब एमपी की सियासत गर्माती दिखाई दे रही है क्योंकि बीजेपी की लिस्ट से ज्योतिरादित्य सिंधिया बाहर है तो वहीं कांग्रेस की लिस्ट से दिग्विजय सिंह गायब हैं।

पांच राज्यों में प्रचार के लिए सियासी दलों ने एमपी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को जिम्मेदारी दी है। मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय तो पिछले कई सालों से वहां डेरा जमाए हुए हैं। सूबे के तीन मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, अरविंद भदौरिया को भी पार्टी ने पश्चिम बंगाल बुला लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को स्टार प्रचारकों की सूची में रखा गया है लेकिन लिस्ट में कांग्रेस के टॉप नेताओं में कभी शुमार रहे ज्योतिरादित्या सिंधिया भाजपा की सूची से नदारद हैं। जिसके बाद कांग्रेस को एक बार फिर सिंधिया और बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया, तो वहीं दिग्विजय सिंह को कांग्रेस स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं करने पर कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है। कांग्रेस का कहना है कि दिग्विजय सिंह दो राज्यों के पुडुच्चेरी और तमिलनाडू के स्क्रूटनी कमेटी के चेयरमैन हैं।

कांग्रेस स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया हमेशा टॉप 10 नेताओं में शुमार रहे हैं लेकिन बीजेपी में 40 स्टार प्रचारकों की सूची से गायब हैं। सूची में शामिल नहीं किये जाने को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि बीजेपी में हर कार्यकर्ताओं का सम्मान है। सिंधिया हमारे नेता हैं जिन्होंने कुशासन और भ्रष्ट सरकार को हटाने के लिए बीजेपी का साथ दिया है।

बीजेपी के नेता भले ही सिंधिया को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं होने को लेकर कई तर्क दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस को सिंधिया और बीजेपी पर हमला करना मौक मिल गया है क्योंकि यहीं सिंधिया कांग्रेस में सम्मान नहीं मिलना का आरोप लगाते हुए 18 साल का कांग्रेस से रिश्ता खत्म कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।