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रायपुर। छत्तीसगढ़ी राजभासा सहित राज्य की मातृभाषाओं में पांचवीं तक पूर्ण शिक्षा और सरकारी काम-काज की मांग को लेकर सोमवार से 3 दिवसीय जन-जागरण की शुरुआत हो गई है. बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर बड़ी संख्या में प्रदेशभर से लोग एकजुट हुए हैं. छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना, छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच सहित विभिन संगठनों ने कार्यक्रम का आयोजन किया है.
नंद किसोर सुकुल मातृभाषा छत्तीसगढ़ी के लिए 30 साल से संघर्ष कर रहे हैं. मामले में नंद किसोर सुकुल का कहना है कि ‘मोर परान जाही त जाही, फेर महतारी भासा ल मरन नइ दंव. सरि जिनगी महतारी भासा पर जीये हंव, अब येखर खातिर मर घलोक जाहूं.
इहां तो अंगरेजी के जोर चलत हे: नंद किसोर सुकुल
दुनिया भर गियानी मन महतारी भासा म पढ़ाय-लिखाय के बात करत हे, फेर छत्तीसगढ़ अइसे राज जिहां न तो छत्तीसगढ़ी, न तो हल्बी, न तो गोंडी अउ राज कोनो भासा म पढ़ई-लिखई होवत. बल्कि हमर इहां तो अंगरेजी के जोर चलत हे. जगह-जगह अंगरेजी के स्कूल खुलथ हे.
‘महतारी भासा ल मरन घलोक नइ दन’
नंद किसोर सुकुल ने कहा कि हमन कोनो भासा के विरोध नइ करत हन, फेर अपन महतारी भासा ल मरन घलोक नइ दन. हम तीन दिन येखरे खातिर समाज अउ सरकार जगाय बर बइठे ह’.
‘हमारा जन-जागरण जारी रहेगा’
छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना के अध्यक्ष लता राठौर ने कहा कि हम प्रदेश भर से राजधानी में धरना-प्रदर्शन के लिए बल्कि यह बताने के लिए इकट्ठा हुए हैं. जब तक छत्तीसगढ़ी सहित राज्य की मातृभाषा माध्यम में प्राथमिक स्तर तक शिक्षा नहीं दी जाती है. तब तक हमारा जन-जागरण से लेकर आंदोलन जारी रहेगा.
कार्यक्रम में कई लोग रहे मौजूद
बता दें कि तीन दिन चलने वाले इस जन-जागरण में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना अध्यक्ष अमित बघेल, लेखक गजेन्द्र वर्मा, अरुणा वर्मा, रितुराज साहू, लक्ष्मी नाग, सुनीता हनुमंता सहित प्रदेशभर के लोग मौजूद रहें.