रायपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं में तय वित्तीय अनुपात के अनुरूप राज्यों को उनके हिस्से की धनराशि समय पर प्राप्त होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं में केन्द्र से प्राप्त राशि अगर समय पर प्राप्त होगी तो राज्यों को काफी मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में अन्तर्राज्यीय परिषद की स्थायी समिति की बारहवीं बैठक में पुंछी आयोग की सिफारिशों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे. बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की. बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया , उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार , केन्द्रीय मंत्रीगण और अन्य राज्यों के मंत्री उपस्थित थे.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं में गरीब राज्यों को ज्यादा से ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए. इससे उनके सर्वागींण विकास में मदद मिलेगी. उन्होंने नीति आयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूर्व के योजना आयोग के विपरीत नीति आयोग राज्यों में जाकर राज्य शासन से चर्चा कर मैदानी परिस्थितियों से रूबरू हो रहा है, इससे नीति निर्माण का कार्य बेहतर हो सकेगा. यह एक अच्छा प्रयोग है. बैठक में उन्होंने सहकारी संघवाद की अवधारणा के अनुरूप राज्यों को सम्मान, सहयोग और सुदृढ़ आर्थिक आधार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरूप राज्यों को हिस्सा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का निर्णय हो या जी.एस.टी., नई खनिज नीति, नीति आयोग, प्रगति जैसी क्रान्तिकारी पहल , इन सबसे केन्द्र-राज्य संबंधों को नया आयाम मिला है. उन्होंने अनुसूचित क्षेत्रों के विकास के लिए केन्द्र द्वारा आर्थिक सहायता देने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जनधन योजना के तहत बैंको में खाते खोलने और सीधे बैंक ट्रांसफर की जनहितकारी पहल का अच्छा परिणाम निकला है. उन्होंने कहा कि इसे और प्रभावी बनाने के लिए नक्सल प्रभावित अंचलों में बैंक शाखायें खोली जाना चाहिए . बैठक में मुख्य सचिव विवेक ढांड , मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह , आवासीय आयुक्त संजय ओझा और विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी विक्रम सिसोदिया भी उपस्थित थे.