नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों की लगातार होती मौत का मामला आज लोकसभा में गूंजा. रायपुर सांसद सुनील सोनी ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से राज्य को सख्त कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की. सोनी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में एक के बाद एक हाथियों की होती मौत के बाद अब तेंदुए का शिकार हो रहा है.
रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि 23 फरवरी 2021 को मगरकुंड इलाके में मादा तेंदुआ का शिकार किया गया. उसके अंगों को नोच डाला गया. राज्य सरकार ने शिकार की बात स्वीकार की है. तेंदुए के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि उसके दो पंजे गायब थे. माथे की चमड़ी नोच ली गई थी. पैरों से नाखुन काट लिए गए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में वन्य प्राणियों के शिकार का गिरोह सक्रिय है. सोनी ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से यह मांग करता हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देशित किया जाए कि राज्य में बेजुबान जानवरों के साथ हो रहे ऐसे कृत्यों पर रोक लगाने की पहल करे. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा घटित न हो.
हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी तेंदुए के शिकार का मुद्दा जोरशोर से उठा था. राजनांदगांव से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने मामले को उठाते हुए सरकार पर शिकारियों को संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोकटोर शिकारी शिकार कर रहे हैं, लेकिन सरकार का वन अमला सख्ती नहीं बरत रहा है. अंतरराज्यीय सीमाओं पर चौकसी नहीं बढ़ाई जा रही. यही वजह है कि शिकारी आसानी से राज्य की वन सीमाओं में घुसपैठ कर शिकार कर रहे हैं. रमन सिंह ने राज्य सरकार से वन विभाग के जिम्मेदार आला अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. जवाब में सरकार ने यह माना था कि तेंदुए का शिकार हुआ है, लेकिन सरकार ने फौरी तौर पर अधिकारियों की सक्रियता से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का हवाला देते हुए किसी भी तरह की कार्रवाई से इंकार किया था.