रायपुर। देश भर में मेडिकल काॅलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी हो रही है. इसी बीच पुलिस ने बिहार गैंग के सदस्य को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गैंग से सदस्यों ने मेडिकल में एडमिशन देलाने के एवज में 8 लाख रुपए की ठगी की थी. पुलिस ने सायबर सेल की मदद से आरोपी को धर दबोचा है. इस मामले में दो आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है. मामला रायपुर के पंडरी थाना इलाके का है.

इसे भी पढ़ें- सीएम और स्वास्थ्य मंत्री का खास होना बताकर लाखों की ठगी, ऐसे लिया झांसे में

पुलिस के मुताबिक सितंबर 2020 में पंडरी थाने में रिपोर्ट दर्ज किया गया था. शिकायत में कहा गया कि नीट परीक्षा में शामिल होने के बाद छात्रा के मोबाइल नंबर पर फोन आया. ठग ने कहा कि किसी भी मेडिकल काॅलेज में उसका एडमिशन करा देगा. पहले चरण में ही छात्रा का आरू पडिया वीडू मेडिकल काॅलेज पाण्डुचेरी में सीट आबंटन हुआ. फिर रिम्स काॅलेज रायपुर में एडमिशन दिलाने का झासा देकर किश्तों में ठग ने 8 लाख रुपए ले लिए.

बिहार से आरोपी गिरफ्तार

इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने बिहारी गैंग की पहचान की. सायबर सेल के उपनिरीक्षक अमित कश्यप के नेतृत्व में 4 सदस्यीय टीम को पटना (बिहार) रवाना किया गया. जहां से अंतर्राज्यीय आरोपी विद्यानंद वर्मा उर्फ विश्वजीत (42 वर्ष) पटना निवासी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस की पूछताछ में उसने रायपुर की छात्रा से मेडिकल काॅलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करना स्वीकार किया. आरोपी के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन और 3 हजार रुपए नगद जब्त किया है.

दो आरोपी फरार, तलाश जारी

इसके अलावा घटना संलिप्त दो अन्य आरोपी सुरेन्द्र कामत और विश्वजीत शाह फरार हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है. आरोपी विद्यानंद वर्मा उर्फ विश्वजीत ने बताया कि अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर देश भर के मेड़िकल कालेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर लोगों को अपने झांसे में लेकर लाखों रुपए की ठगी करता था.

कैसे मिलता था मेडिकल छात्रों का रोल नंबर ?

आरोपी ने ये भी बताया कि मेडिकल परीक्षा देने वालों का रोल नंबर और उनसे संबंधित अन्य सम्पूर्ण जानकारी कोचिंग सेंटरों, ऑनलाइन और अन्य माध्यमों से प्राप्त किया जाता है. फिर उन लोगों से संपर्क कर उनकी इच्छानुसार मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने का झांसा देकर उनका भरोसा जीत लेते हैं. इसके बाद किश्तों में लाखों रुपए की ठगी करते थे.