रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार नया बजट, नए लक्ष्य विषय पर बातचीत करेंगे. इस संबंध में आप आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर फोन कर सकते हैं. 24, 25 और 26 मार्च को 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकाॅर्ड करा सकते हैं.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 17 वीं कड़ी का प्रसारण 11 अप्रैल 2021 को होगा. लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा. सीएम भूपेश बघेल इस बार लोकवाणी में इस बार नया बजट, नए लक्ष्य विषय पर बातचीत करेंगे.

मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी में इन मुद्दों पर चर्चा

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे पहले अपनी मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी में ’उपयोगी निर्माण-जन हितैषी अधोसंरचनाएं और आपकी अपेक्षाएं’ विषय पर प्रदेश की जनता की खुशहाली को लेकर बातचीत की थी. विकास को लेकर राज्य सरकार के विजन पर अपने विचार विस्तार से रखें.

सड़क, बिजली और सिंचाई पर दिया जा रहा जोर

मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य के बहुमूल्य संसाधनों का उपयोग करके छत्तीसगढ़ के लोग भी समृद्ध और खुशहाल बनें. अधोसंरचना विकास के कार्यों में सड़क, बिजली और सिंचाई संसाधनों के नेटवर्क को पूरा करने पर जोर दिया गया है. ताकि अधोसंरचना विकास के कार्यों का पूरा लाभ प्रदेश की जनता को मिल सके.

प्रतिभावान युवाओं के नवाचार से प्रदेश में समृद्धि

सीएम भूपेश ने कहा था कि गांव-गांव में महिला स्व सहायता समूह और प्रतिभावान युवाओं के नवाचार से प्रदेश में समृद्धि और खुशहाली का नए रास्ते बनाने की शुरूआत हो चुकी है. इससे लोगों को रोजगाप मिलेगा. प्रदेश में खुशहाली आएगी. बहुमूल्य संसाधनों का उपयोग करके छत्तीसगढ़ के लोग समृद्ध बनेंगे.

नई सरकार बनने के बाद किसानों को राहत

लोकवाणी के लिए रिकार्ड कराए गए अपने संदेश में बेमतरा के भूपेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद किसानों को काफी राहत मिली. महासमुंद जिले की बम्हनी ग्राम पंचायत की रुकमणी पाल ने बताया कि उनके जय मां सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह ने गोबर से 200 क्विंटल खाद बनाई, जिससे 1 लाख 77 हजार रुपए आय हुई.

जल संरक्षण और संवर्धन के लिए 30 हजार नरवा चिन्हांकित

मुख्यमंत्री ने श्रोताओं से रू-ब-रू होते हुए कहा था कि निश्चित तौर पर ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसकी शुरुआत हमने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी को बचाने के लिए किया था. नरवा के काम में पंचायत और ग्रामीण विकास, जल संसाधन विकास विभाग, वन विभाग आदि की मदद ली जा रही है. लगभग 30 हजार नरवा चिन्हांकित किए गए हैं.