रायपुर। देश भर में कोरोना वायरस दोबारा अपना भयावह रूप दिखा रहा है. कोरोना से मौत के मामले में छत्तीसगढ़ चौथे नंबर पर पहुंच गया है. बीते 24 घंटे में छत्तीसगढ़ में 10 लोगों की मौत हुई है. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंकड़ा जारी किया है. एक सप्ताह में 42 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. जनवरी के बाद से अब तक का यह सर्वाधिक आंकड़ा है. इस पर बीजेपी के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है.

छत्तीसगढ़ में न केवल कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, बल्कि मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. बीते एक सप्ताह में 42 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. फरवरी महीने और मार्च के पहले सप्ताह में 27-29 प्रति सप्ताह लोगों की मौत हुई थी. जनवरी के अंतिम सप्ताह में 43 लोगों की मौत हुई थी.

रायपुर-दुर्ग में सबसे अधिक मौत

एक सप्ताह में सबसे अधिक रायपुर और दुर्ग जिले में 11-11 मौत हुई है. 42 मौते में से 33 पुरूष और 9 महिलाएं शामिल है. जिसमें से 30 लोग को कोमार्बिडीटी थी. आज आयोजित राज्य स्तरीय डेथ आडिट समिति में सभी प्रकरणों का रिव्यू किया गया. बैठक में बताया गया कि मौतों में 60 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों का प्रतिशत 62 था, जबकि 21 प्रतिशत 45-59 वर्ष के थे.

सरकार के लिए उत्सव की तरह कोरोना

बीजेपी के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के लिए कोरोना उत्सव की तरह है. इसे लेकर सरकार गंभीर नहीं है. रोड सेफ्टी क्रिकेट एक नया खेला की तरह हो गया. राजिम मेला हुआ, मंत्रियों के दौरे होते रहे. कोवैक्सीन को एक महीने तक रोक रखा गया. यदि इसका इस्तेमाल होता तो इसके बेहतर नतीजे सामने आते.

मंत्री नहीं होता एक्पर्ट

उन्होंने कहा कि स्कूल खोलकर बच्चों के जीवन को संकट में डाल दिया है. निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों को सरकार मदद नहीं दिला पाई. सरकारी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की स्थिति सबको पता है. हर मामलों में नंबर वन आने को लेकर सरकार पीठ थपथपाती है. अब कोरोना से मौत मामले में सरकार चौथे नंबर पर आ गई है. अब सरकार इस पर क्या कहेगी ? कोरोना से निपटने सरकार के पास कोई एक्सपर्ट नहीं है. मंत्री एक्पर्ट नहीं होता है.

लेटलतीफी में 61 वर्षीय व्यक्ति की मौत

सूरजपुर जिले के 61 वर्ष के पुरूष की मौत एक मार्च को कोरोना से हुई थी. लेकिन उन्होंने कोरोना जांच कराने से मना किया. जबकि परिवार के अन्य सदस्यों ने जांच करवाई और इलाज भी करवाया. इस प्रकरण में 7 मार्च को उनकी तबीयत खराब लगने पर 13 मार्च को जांच कराया और सूरजपुर के बाद अंबिकापुर अस्पताल में भर्ती हुए. 14 मार्च को उनकी मौत हो गई.

लक्षण दिखते ही कराएं जांच

इस प्रकरण से यह बात स्पष्ट हुई कि यदि उन्होंने भी समय पर कोरोना जांच करवाकर इलाज किया होता, तो उनकी जान बच सकती थी. इसीलिए डॉक्टर बार-बार सतर्क कर रहे हैं कि लक्षण दिखने के 24 घंटे के अंदर ही कोरोना की जांच करवाएं. संक्रमित पाए जाने पर इलाज शुरु करें, इससे रिकवरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

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बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामले के बीच बीते 24 घंटे में देश में 212 लोगों की मौत हुई है. देश में कुल मौत के मामलों में शीर्ष 6 राज्यों में छत्तीसगढ़ शामिल है. 10 मौत के साथ छत्तीसगढ़ चौथे नंबर पर है. अकेले महाराष्ट्र में 99 मौत के साथ पहले स्थान पर है. इसके अलावा पंजाब में 44, केरल में 13, छत्तीसगढ़ में 10, तमिलनाडु में 9 और गुजरात में 7 लोगों की मौत हुई है.