रायपुर। भूपेश बघेल की अगुवाई में होने वाली कांग्रेस की पदयात्रा कुछ दिनों के लिए टल गई है. पहले ये यात्रा दिसंबर के शुरु में प्रस्तावित थी. लेकिन अब ये दिसंबर के दूसरे हफ्ते से शुरु होगी. यात्रा की रुपरेखा मोटे तौर पर बना ली गई है. माना जा रहा है कि यात्रा की तारीखें प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया के उत्तर प्रदेश के स्थानीय चुनाव में व्यस्त होने की वजह से आगे बढ़ाई गई हैं.

कांग्रेस जनअधिकार यात्रा का अगला चरण की 11 दिसंबर से लेकर 17 दिसंबर तक 104 किलोमीटर की होगी. यह पदयात्रा 5 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. 11 दिसंबर से ये यात्रा शिवरीनायाण से शुरु होकर पू्र्व पीसीसी प्रमुख नंद कुमार पटेल के गांव नंदेली में खत्म होगी. पहले इस यात्रा को महानदी के किनारे-किनारे ले जाने की योजना थी लेकिन बाद में इसे कुछ सुझावों के बाद थोड़ा परिवर्तित किया गया.

इस बार उनकी यात्रा जांजगीर-चांपा, खरसिया, चंद्रपुर, जैजेपुर और पामगढ़ क्षेत्र से निकलेगी. इस पदयात्रा में कांग्रेस सरकार की नाकामयाबी, विकास के मुद्दे और भ्रष्टाचार को अपना हथियार बनाएगी. डोंगरगढ़ से लेकर खुर्सीपार तक जनअधिकार यात्रा को मिली सफलता के बाद कांग्रेस अध्यक्ष एक बार फिर से पदयात्रा पर निकल रहे हैं

यात्रा के दौरान भूपेश किसी सरकारी गेस्ट हाउस में न रुक कर स्थानीय कार्यकर्ताओं के घर रुकेंगे और उन्हीं के रात्रि विश्राम करने के साथ ही भोजन भी करेंगे. ये पांचों जिला अनुसूचित जाति बहुल्य हैं. 2018 आम चुनावों के लिहाज से कांग्रेस अपने परंपरागत वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद में भी है.

प्रदेश में अनुसूचित जाति एक बड़ा वोट बैंक है. दोनों ही पार्टी इस वोट बैंक को साधने में लगी रहती है. हाल ही में अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा हुआ था उस दौरान उन्हें गिरौदपुरी धाम ले जाया गया था.