फीचर स्टोरी । सत्ता में आने से पहले भूपेश बघेल ने एक वादा किसानों से किया था. यह वादा था धान में प्रति क्विंटल 25 सौ रुपये में देने का. सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पद संभालते ही भूपेश बघेल ने 2019 में यह वादा निभाया. लेकिन 2020 में जब फिर भूपेश सरकार किसानों से 25 सौ रुपये धान का देने को तैयार हुई तो केंद्र ने सरकार ने शर्त रख दी. शर्त ये थी कि अगर भूपेश सरकार केंद्र सरकार की ओर से तय समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर धान खरीदेगी तो सेंट्रल पुल में कटौती कर दी जाएगी. बावजूद इसके भूपेश सरकार ने तय किया कि किसानों जो वाद उन्होंने किया है उसे पूरा किया जाएगा. सरकार ने किसानों से किए वादे को पूरा करने एक योजना बनाई. इस योजना को नाम दिया गया ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’. इस योजना के तहत सरकार ने यह निर्णय लिया कि केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य और 25 सौ रुपये के वादे के बीच जो शेष अंतर की राशि है उसे न्याय योजना के तहत दिया जाएगा.

साफ नीयत, सही नीति, नेक इरादा, वादा पूरा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों जो वादा किया उसे निभाने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की. योजना का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई से हुआ. योजना के तहत 2019-20 के तहत कुल 5628 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया था. तय किया गया था कि चार किश्तों में किसानों को राशि दी जाएगी. पहली किश्त योजना के शुभारंभ के साथ ही किसानों को दिया गया. इसके बाद दूसरी किश्त राजीव गांधी की जयंती के मौके पर 20 अगस्त को दिया गया. इसी तरह तीसरी किश्त की राशि 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौक पर जारी की गई, जबकि वादे के मुताबिक चौथी किश्त की राशि 2020 का वित्तीय वर्ष समाप्त होने पहले 21 मार्च 2021 को जारी कर दी गई.

 

इससे पहले कि आपको यह बताएं कि किस तरह से 25 सौ रुपये में खरीदी से एक किसान परिवार को 13 लाख से अधिक का फायदा हुआ, उससे पहले चौथी किश्त की राशि जारी करने के दौरान राहुल गांधी और भूपेश बघेल ने किसानों को संबोधित करते हुए क्या था वह जान लीजिए.

किसानों, गरीबों, मजदूरों की मदद में सबसे आगे है छत्तीसगढ़ सरकार: राहुल गांधी

सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि किसानों, गरीबों और मजदूरों की मदद करने में छत्तीसगढ़ सरकार सबसे आगे हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार एक के बाद एक अच्छे कदम उठा रही है. छत्तीसगढ़ की सरकार ने जनता से जो वादा किया था, उसे पूरा कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के किसान संकट में है, केन्द्र सरकार देश के किसानों को हक मारकर के पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है, जबकि इससे इतर छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों, गरीबों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं और छोटे व्यापारियों के हितों के संरक्षण और उन्हें मदद पहुंचाने का काम कर रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम किया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने आम जनता की भलाई का जो रास्ता अपनाया है, इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई देता हूं.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5628 करोड़- भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के 19 लाख किसानों के खाते में 1104 करोड़ 27 लाख रूपए की राशि चौथी किश्त के रूप में दे दी गई है. यह राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को चौथी किश्त के रूप में दी गई है, जिसे मिलाकर किसानों को एक साल में कुल 5628 करोड़ रूपए की राशि आदान सहायता के रूप में दी गई है. किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता दिए जाने के अपने वायदे को छत्तीसगढ़ सरकार ने आज चौथी किश्त देकर पूरा कर दिया है.

वर्ष 2021-22 के लिए बजट में 5793 करोड़ का प्रावधान

उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हमने छत्तीसगढ़ के किसानों से कर्जमाफी, सिंचाई कर माफी और उनकी उपज का पूरा दाम दिलाने का वायदा पूरा किया है. वर्ष 2021-22 के बजट में भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता देने के लिए 5703 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मंत्रिमण्डलीय उप समिति गठित करने की घोषणा भी की है.

न्याय योजना से हुआ 13 लाख 33 हजार का अतिरिक्त फायदा

राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्रदेश के तकरीब 19 लाख किसानों को फायदा हुआ है. इस आमदानी को अगर केंद्र की तय समर्थन मूल्य की राशि के मुकाबले देखेंगे को यह एक तरह से किसानों को लिए अतिरिक्त फायदे वाली कही जा सकती है. क्योंकि अगर राज्य सरकार 25 सौ रुपये में खरीदी नहीं करती तो किसानों सिर्फ 1815 से 1865 तक प्रति क्विंटल के हिसाब ही मिलता. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वादे के अनुरूप 25 सौ रुपये किसानों को प्रति क्विंटल के हिसाब से दिया है. इसमें न्याय योजना के तहत 685 रुपये प्रति क्विंटल (प्रति एकड़ 10 हजार) शामिल है.

आइये अब मिलिए किसान रणजीत सिंह से. जिसकी तस्वीर आप यहाँ देख रहे हैं. मुंगेली जिला के बाँकी गाँव निवासी रणजीत सिंह उन्नतशील किसान हैं. रणजीत सिंह के साथ-साथ उनके 6 भाई, जिनके पास भी अच्छी खेती है. धान के साथ-साथ वे अन्य कई फसले लेते हैं. लेकिन बड़े पैमाने पर धान की ही खेती करते हैं.

 

रणजीत सिंह का कहना है कि उनके परिवार वालों ने इस वर्ष करीब 2 हजार क्विंटल धान बेचा है. धान हमने केंद्र सरकार की ओर से तय समर्थन मूल्य 1815 से 1865 में बेचा. इस हिसाब अगर देखें तो 36 लाख 30 हजार रुपये होता है. लेकिन भूपेश सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 10 हजार रुपये तो अंतर की राशि मिली उससे हमें 13 लाख 70 हजार रुपये का फायदा हुआ. इसे हम अतिरिक्त लाभ भी कह सकते हैं. क्योंकि वर्ष 2019 से पहले तक इतने बड़े पैमाने में हमें लाभ कभी नहीं मिला. मैं राज्य सरकार को इस योजना के लिए परिवार की ओर से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ. मैं यह दावे से कह सकता हूँ राज्य में जिन 19 लाख किसानों को किसान न्याय योजना का लाभ मिला वे सब भी बेहद खुश होंगे. किसान परिवार के हम सभी सदस्य यही उम्मीद करते हैं कि किसानों के हित में इसी तरह भूपेश सरकार काम करती रहेगी.