रायपुर। कोरोना काल में जब देश के अन्य राज्यों की अर्थव्यवस्था को तगड़ी मार पड़ रही है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ में अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई छू रही है. इसका असर जीएसटी संग्रह में दिखाई दे रहा है, जिसमें बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
अपर आयुक्त राजेश कुमार सिंह ने बताया कि सीजीएसटी आयुक्तालय, रायपुर द्वारा इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 9,612 करोड़ रुपए जीएसटी का संग्रहण किया गया है, वित्तीय वर्ष 2019-20 में संग्रहित 9,422 करोड़ रुपए के जीएसटी राजस्व की तुलना में 2% की वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए समग्र रूप से 24,293 करोड़ रुपए जीएसटी संग्रहित किया गया, जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में संग्रहित किए गए 24,100 करोड़ रुपए के जीएसटी की तुलना में 1% अधिक है. इसमें एसजीएसटी विभाग द्वारा संग्रहित जीएसटी भी शामिल है.
इस राजस्व संग्रहण की तुलना में अपने देश में अखिल भारतीय स्तर पर संग्रहित जीएसटी (आयात आईजीएसटी को छोड़कर) की राजस्व वृद्धि में 8.5% की गिरावट देखी गई है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में संग्रहित 9.44 लाख करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 8.64 लाख करोड़ रुपए संग्रहित किया गया. कुल मिलाकर अखिल भारतीय परिदृश्य में छत्तीसगढ़ में 2% की सकारात्मक वृद्धि हुई है.
अखिल भारतीय स्तर पर इस वर्ष मार्च, 2021 में जीएसटी का संग्रहण, जीएसटी के लागू होने के उपरांत सर्वाधिक रहा है. विगत महीनों के अनुरूप मार्च, 2021 में पिछले साल के इसी माह के तुलना में 27% की बढ़ोतरी के साथ कुल ₹1,23,902 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण हुआ. इसी अवधि मे छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले वर्ष के मार्च महीने के कुल 2,093 करोड़ रुपए के जीएसटी संग्रहण के तुलना में कुल 2,544 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण हुआ.
जीएसटी संग्रहण में छत्तीसगढ़ राज्य का स्थान 22% की वृद्धि के साथ देश के अग्रणी राज्यों में उड़ीसा, केरल और तमिलनाडु के बाद चौथा है.
अपर आयुक्त राजेश कुमार सिंह ने बताया कि एक ओर विभाग ने सभी करदाताओं को अपना रिटर्न समय पर दाखिल करने के लिए लगातार प्रेरित किया ताकि सरकार के लिए अधिक आवश्यक राजस्व इकट्ठा किया जा सके और साथ ही विभाग ने नकली इन्वोइसेस जारी करने और करचोरी से संबंधित अन्य गतिविधियों में संलग्न करदाताओं के प्रति अत्यंत सख्त कार्रवाई किया.
वर्ष के दौरान फर्जी इन्वोइसेस / फर्जी बिलिंग से संबंधित 44 मामले दर्ज किए गए, जिसके कारण केवल केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय की टीम ने 211 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया. डीजीजीआई (केंद्रीय प्रवर्तन दल) और राज्य जीएसटी के कार्यालय ने कई अन्य मामलों को पृथक-पृथक रूप से दर्ज किया है.
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प्रवर्तन गतिविधि के परिणामस्वरूप जीएसटी कानून के अंतर्गत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया और ऐसा करके धोखेबाज़ों को गंभीर चेतावनी दी गई कि सरकार जीएसटी के सफल कार्यान्वयन के लिए गंभीर है और फर्जी बिलिंग करके की जाने वाली धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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इसके अलावा वर्ष के दौरान 134 अन्य कर चोरी के मामले दर्ज किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 283 करोड़ रुपये की बहुत बड़ी कर वसूली हुई. विभाग के द्वारा किए गए सभी गंभीर प्रयासों ने अन्य दोषियों को गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने से रोक दिया है, जिससे राज्य के लिए राजस्व में वृद्धि हुई है.
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