एक तरफ निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायतें आती रहती है, दूसरी ओर शिक्षा विभाग का तानाशाही रवैय्या भी देखने को मिलते रहता है। रायपुर में ये दोनों ही चीजे इन दिनों को देखने को मिल रही है। कुछ बड़े निजी स्कूलों की मनमानी ने कुछ सेवाभावी स्कूलों को भी शिक्षा विभाग के कोप भाजन शिकार बना दिया है। ऐसे एक स्कूल है होली क्रास। होली क्रास स्कूल अपने बेहतर शिक्षा व्यवस्था और पढ़ाई के लिए जाना जाता है। लेकिन इस स्कूल पर शिक्षा विभाग की नजरे टेढ़ी हो गई है। जिला शिक्षा विभाग ने दो छात्रों को स्कूल में प्रवेश देने सिफारिश वाली चिट्ठी लिखी। स्कूल प्रबंधन ने जवाब दिया कि उनके यहां सीट खाली नहीं है, सभी सीटों पर प्रवेश हो चुका है। ये जवाब जिला शिक्षा विभाग को नागवार गुजरा। शिक्षा विभाग नेे स्कूल प्रबंधन को धौंस भरी चिट्ठी लिखते हुए प्रवेश से लेकर प्रबंधकीय व्यवस्था की सारी जानकारी मांग ली। स्कूल प्रबंधन जानकारी तो दे ही रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग ने ये जानकारी तब मांगी जब उनके सिफारिश वाले पत्र स्कूल प्रबंधन मानने से इंकार कर दिया। मतलब ये कि विभाग के अधिकारी स्कूल प्रबंधन पर धौंस जमाकर उन्हें डराना चाहते हैं, उनकी बात नहीं मानने पर कार्रवाई की एक तरह से धमकी दे रहे हैं। जिला शिक्षा विभाग के इस पत्र को लेकर निजी स्कूलों ने एक बैठक आयोजित की। बैठक में तय किया गया है कि कोई भी कार्य नियम विरुद्ध नहीं किया जाएगा। ना किसी अधिकारी का कोई दवाब बनने दिया जाएगा।