रायपुर। केंद्र सरकार के नए कानून के देशभर में विरोध हो रहा है. किसान दिल्ली की सीमाओं में कानून को रद्द करने की मांग को लेकर डटे हुए हैं. कई किसानों ने इस आंदोलन में अपनी जान दे दी है. उनकी स्मृति में शहीद किसान स्मारक बनाया जाएगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ के किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने कहा कि कथित कृषि सुधार के नाम पर पारित कॉरपोरेट परस्त व किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून लागू करने, बिजली संशोधन बिल 2020 रद्द करने, प्रदूषण नियंत्रण कानून 2020 में किसान विरोधी कॉलम को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली सीमाओं सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर, गाजीपुर और पलवल में किसान आंदोलन जारी है. आंदोलन को चार महीना बीत चुका है और सवा तीन सौ के करीब किसानों ने अब तक अपना कुर्बानी दी चुके हैं. छत्तीसगढ़ से मिट्टी लेकर यहां के किसानों की टोली दिल्ली के लिए निकल गई है.
राज्य में सोनाखान से मिट्टी यात्रा की शुरूआत
विद्रोही ने कहा कि किसान आंदोलन मांगे पूरी होने तक जारी है और इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों को आने वाली पीढ़ी याद रखे इसके लिए 30 मार्च से देशभर में मिट्टी सत्याग्रह का आयोजन किया जा रहा है. इसकी शुरुआत गुजरात के दांडी से हुई है. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष का गौरवपूर्ण इतिहास है. वहीं नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ भी मजदूरों और किसानों ने अपनी कुर्बानी दी है. इसलिए छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को सोनाखान से मिट्टी यात्रा की शुरूआत की गई और राज्य के अलग अलग कोने से मिट्टी एकत्रित किया गया है. मिट्टी लेकर तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में मूलचंद साहू, रतन गोंडाने, श्रीमती रेखा गोंडाने और सरस्वती गोंडाने 6 अप्रैल को सिंघु बॉर्डर पहुचेंगे. यहां देश भर की मिट्टी एकत्र होगी.
छत्तीसगढ़ से यहां की मिट्टी है शामिल
1857 के अनाज आंदोलन में शहीद वीर नारायण सिंह के जन्मभूमि सोनाखान, 1910 भूमकाल आंदोलन की भूमि नेतानार बस्तर, 1920 नहर सत्याग्रह कंडेल, जिला धमतरी की मिट्टी, 1930 जंगल सत्याग्रह की भूमि तमोरा, जिला महासमुन्द, 1977 में अनसुइया बाई व 11 शहीद तथा 1991 शहीद शंकर गुहा नियोगी की शहादत भूमि दल्ली राजहरा जिला बालोद, 1990 शहीद रमेश परिडा के शहादत भूमि अभनपुर, जिला रायपुर, 1990 में शहीद दरशराम साहू व डॉ पूर्णेन्दु घोष के शहादत भूमि लाल खदान जिला बिलासपुर की मिट्टी शहीद किसानों के स्मारक में शामिल होगी.
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किसानों को उत्साहवर्धन के साथ दी गई विदाई
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित सुंदर लाल शर्मा चौक राजिम में श्रदांजलि सभा कर मिट्टी सत्याग्रहियों को लाल गमछा भेंटकर एवं लाल गुलाल से तिलक लगाकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, सदस्यगण रेखुराम, कोमन ध्रुव, नंदू ध्रुव, मोहनलाल, ललित कुमार ने सम्मान किया. वही अभनपुर तिगड्डा चौक पर हेमन्त टंडन, दलबीर सिंह, पुनुराम, देवसिंह ने स्वागत किया. रायपुर रेलवे स्टेशन में आदिवासी भारत महासभा के संयोजक सौरा यादव, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यों जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, गोविंद चन्द्राकर, वेगेन्द्र सोनबेर, राजेन्द्र पटेल, मनोज साहू, संजय चन्द्राकर, नारद साहू आदि ने कॉरपोरेट परस्त, किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी काला कानून वापस लो, शहीद किसान अमर रहे , इन्कलाब जिंदाबाद की नारों के साथ मिट्टी सत्याग्रहियों को उत्साहवर्धन कर विदाई किया.
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बिलासपुर के लोगों ने सौंपा शहीद दरसराम साहू और डॉ. पूर्णेन्दु घोष की शहीदी मिट्टी
मिट्टी सत्याग्रहियों का बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर पहुँचने पर श्याम मूरत कौशिक, सलीम काजी, अजय राय, अम्बिका कौशिक, राजदीप छाबड़ा, यूसुफ हुसैन, रज्जाक अली, राजेन्द्र कौशिक, डॉ अशोक शिरोड़े ने इंकलाब जिंदाबाद, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के नारों के साथ स्वागत किया और शहीद दरसराम साहू और डॉ पूर्णेन्दु घोष की शहीदी मिट्टी तेजराम विद्रोही व रतन गोंडाने को भेंट की.
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