बलौदाबाजार। सार्वजनिक तालाबों के उपयोग में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी और गुड़ाखू सेवन कर थूकने से भी कोरोना फैलने की संभावना रहती है. दरअसल तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ और यहां गुड़ाखू कर थूकने से कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. यह जानकारी जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने दी.
तालाबों के कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह
जिले में गंभीर संक्रमण के हालात को देखते हुए कलेक्टर ने तालाबों में गुड़ाखू सेवन से बचते हुए तालाबों के कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है पिछले कुछ दिनों में जिले में कोरोना मरीज़ों का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है. दरअसल कलेक्टर बढ़ते हुए कोरोना के मामले पर समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ और यहां गुड़ाखू सेवन कर थूकने के साथ इसका अत्यधिक उपयोग भी एक कारण हो सकता है. लिहाजा कलेक्टर सुनील कुमार ने गंभीर संक्रमण के खत्म होते तक तालाब घाटों में गुड़ाखू सेवन नहीं करने और तालाबों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की है.
कलेक्टर ने कहा कि आमतौर पर लोग-बाग पचरी घाटों पर इत्मीनान से बैठकर गुड़ाखू घीसते रहते देखे गए हैं. इस दौरान बातें करते हुए इर्द-गिर्द बार-बार थूकते भी पाए गए हैं. थूकने के दौरान यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित हों तो कोरोना युक्त लार की बूंदे आसपास व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं. आगे उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं रहता कि उनके आस-पास भी कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है. पिछले दिनों इन्ही कारणों से कुछ गांव में कोरोना के संक्रमण बड़ी संख्या में मिल रहे हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों पालन अनिवार्य
उन्होंने कहा कि तालाब में निस्तारी के लिए जाना जरूरी है तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों अनिवार्य रूप से पालन करें साथ ही गुड़ाखू का सेवन न करें. इसके अलावा एक ही पचरी घाट का उपयोग न करके सभी घाटों का इस्तेमाल करें. साथ ही ग्रामीण आपसी सहमति से अलग-अलग समय में निस्तारी के लिए तालाब का उपयोग कर सकते हैं.
जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 1120
बता दें कि बुधवार 7 अप्रैल को जिले में 427 नए संक्रमित मरीज मिले हैं, जिसके साथ कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 1120 हो गई है. जबकि 164 लोगों की मौत हो चुकी है और 10 हजार 668 मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं. नए मरीजों के संख्या के साथ जिले में अबतक 11 हजार 952 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं.