चंडीगढ़। आखिरकार केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार पर नकेल कस ही दी. केंद्र के रूख को देखते हुए किसानों के खाते में गेहूं खरीदी की रकम सीधे हस्तांतरित करने पर पंजाब सरकार के राजी होने के साथ ही कई महीनों से चल रहा इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है. पंजाब सरकार 10 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू करने जा रही है.

दरअसल, गेहूं खरीदी की तारीख तय होने के बाद भी रकम के हस्तांतरण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. केंद्र ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर इस साल से खरीद की सीधी अदायगी किसानों के खाते में नहीं की गई तो पंजाब से गेहूं की खरीद नहीं करेगी. ऐसी सूरते हाल में कोई दूसरा विकल्प न देखते हुए आढ़तियों के माध्यम से किसानों को पैसा देने की बात कह रही पंजाब सरकार को हामी भरनी पड़ी है.

पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि केंद्र के कड़े रुख के बाद अब हमारे पास सीधी अदायगी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मुद्दे पर आढ़ती एसोसिएशन के साथ बैठक उन्हें मनाने का प्रयास किया जाएगा कि वे हड़ताल न करें.

इसके पहले रविवार को दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु, शिक्षा मंत्री विजय इंद्र ङ्क्षसगला और मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह के साथ बैठक की. गोयल ने सीधी अदायगी के मामले में पंजाब की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि यदि इस बार किसानों के खाते में सीधी अदायगी नहीं की गई तो इस रबी के सीजन में केंद्र पंजाब से गेहूं की खरीद नहीं करेगा.