बुरहानपुर. काम की तलाश में अन्य राज्यों को गए मजदूरों का पैदल चलकर लौटने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है. अंतरराज्यीय सीमाओं से बस परिवहन सेवा बंद होने के कारण मजदूरों को पैदल वापस लौटना पड़ रहा है. पिछले साल 2020 में मजदूरों के पलायन की भयावह स्थिति के बाद भी सरकार ने कोई सबक या सीख नहीं ली है. बड़ी संख्या में मजदूर पैदल ही घरों को लौट रहे हैं. रास्ते भर उन्हें लॉकडाउन के कारण पुलिस की कड़ी पूछताछ एवं प्रशासनिक अधिकारियों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा रहा है.
महाराष्ट्र की सीमा से पैदल चलकर बुरहानपुर पहुंचे
ताजा मामला महाराष्ट्र से पलायन कर मध्यप्रदेश पहुंच रहे मजदूरों का है. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को देखते हुए वहां के कई जिलों में लॉकडाउन लगा हुआ है. लॉकडाउन में काम धंधा बंद हो जाने के कारण मजबूरी में मजदूरों को लौटना पड़ रहा है. शुक्रवार को एक सैकड़ा मजदूर पुणे में लॉकडाउन होने के कारण महाराष्ट्र की सीमा से 10 किलोमीटर पैदल चलकर बुरहानपुर पहुंचे. फिर बसों से इंदौर को रवाना हुए. वहां से अपने गांवों को रवाना होंगे. इस दौरान जिला प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की. इन मजदूरों में युवाओं की संख्या अधिक है. युवाओं के अलावा बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं भी शामिल है. सभी मजदूर उत्तरप्रदेश के रहने वाले बताए गए हैं. उन्होंने बताया कि बार्डर पर उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई.
अंतर राज्यीय बस परिवहन सेवा पर एमपी में पाबंदी
बता दें कि मध्यप्रदेश शासन ने कोरोना संक्रमण को रोकने सीमावर्ती राज्यों महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ से अंतर राज्यीय बस परिवहन सेवा पर रोक लगा दी है. राज्य शासन द्वारा ऐसा कोरोना की चेन को तोडने के लिए किया गया है. परिवहन सेवाओं में पाबंदी के कारण इससे अन्य राज्यों में गए मजदूरों को पैदल ही चलकर वापस लौटना पड़ रहा है.