नई दिल्ली। कोरोना कहर के कारण देशभर की स्कूल बंद कर दी गई. इसी बीच सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से होने जा रही है, जिसे रद्द करने की मांग तेज हो गई है. छात्रों की मांग है कि खतरा को देखते हुए फिलहाल परीक्षा स्थगित कर दिया जाए. इसके अलावा विपक्ष के नेताओं ने भी परीक्षा होने पर संक्रमण बढ़ने की आशंका जताई है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को पत्र लिखकर सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है. महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी कोरोना संक्रमण के बीच बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर चिंता जताई.

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं देशभर में 4 मई से शुरू होगी. 10वीं परीक्षा 4 मई से 7 जून और 12 वीं की 15 जून तक होगी.

राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट कर कहा था कि सरकार को बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन पर पुनर्विचार करना चाहिए. साथ ही कहा कि सरकार को देश के भविष्य के साथ खेलना कितना मायने रखता है?

संक्रमित होने पर कौन होगा जिम्मेदार

प्रियंका गांधी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि परीक्षा के दौरान छात्रों के संक्रमित होने की स्थिति में सरकार और सीबीएसई को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. तो क्या सरकार कोरोना से संक्रमित छात्रों या प्रभावित लोगों की कानूनी जिम्मेदारी लेने को तैयार है.  प्रियंका गांधी ने कहा कि एक तरफ सरकार कोरोना से बचाव को लेकर लोगों को एक जगह बड़ी संख्या में न जुटने की गाइडलाइन जारी कर रही है, तो फिर किस तर्क के आधार पर परीक्षाएं कराने जा रही है.

इधर, सीबीएसई का कहना है कि परीक्षाएं तय समय पर ही की जाएगी. परीक्षाओं में तय सुरक्षा मानकों का पूरा पालन होगा. इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या में भी 40 से 50 फीसद की वृद्धि भी की गई है. परीक्षा हाल में केवल 10 छात्र ही बैठेंगे. विशेष परिस्थिति में छात्र के मांग पर अलग से कमरा दिया जाएगा. जिसमें दो परीक्षार्थी होंगे.