राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। कोरोना संक्रमण काल में राजधानी के एक बड़े अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए दिया तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ हो रही है. कोरोना आपदा काल में महीनों से काम कर रहे कर्मचारियों ने क्वारेंटाइन सहित अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर शनिवार को काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं. हालांकि हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने दावा किया है इससे अस्पताल की व्यवस्था में ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं जारी रहेगी.
हड़ताल पर गए हमीदिया अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि वे कोरोना आपदा काल में बहुत कम वेतन पर बिना छुट्टी लगातार डयूटी कर रहे हैं. इसके बाद भी ठेका कंपनी और अस्पताल के नियमित कर्मचारी उनसे दोयम दर्जे का व्यवहार करते हैं. उन्होंने कोरोना संक्रमित कर्मचारियों को होम क्वारेंटाइन सुविधा देने की मांग की है. हड़ताल में अस्पताल के सफाई कर्मचारी, वार्ड ब्वॅाय और सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल है.
कोरोना संक्रमित की सेवा और देते हैं भोजन, पानी
कर्मचारियों ने बताया कि वे कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगे हैं. उन्होंने भोजन और पानी भी देते हैं. इससे कई कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं. ठेका एजेंसी और अस्पताल प्रबंधन को बताने पर कहते हैं कि काम के डर से बहाना बना रहे हैं.
8 घटें तक न बाथरूम जा पाते न ही भोजन कर पाते
कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना आइसोलेशन वार्ड में डयूटी के दौरान 8-8 घंटे तक पीपीई किट पहननी पड़ती है. इस दौरान न तो बाथरूम जा पाते हैं न ही भोजन कर पाते हैं. विषम परिस्थितियों में डयूटी करने वालों को सम्मानजनक वेतन भी नहीं दिया जा रहा है.
एक कमरे में रहते है 5-6 लोग
कर्मचारियों ने बताया कि वे लोग अन्य जिलों से आकर किराए के एक कमरे में 5-6 लोग रहते हैं. इससे आपस में ही संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने ठेका कंपनी और अस्पताल प्रबंधन से कोरोना डयूटी करने वाले कर्मचारियों को एक-एक सप्ताह क्वारेंटाइन की सुविधा देने की मांग की है. कर्मचारी घर जाने से भी डरने लगे हैं. उनका कहना है कि लगातार कोरोना वार्ड में डयूटी करने के बाद घर जाने पर परिवार के सदस्यों के संक्रमित होने का भय भी सता रहा हैं.
4 कर्मचारी के बदले एक की डयूटी
अस्पताल में जहां पर 4 कर्मचारियों की जरूरत है वहां पर सिर्फ एक कर्मचारी से काम चलाया जा रहा है. इससे कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ गया है. इसी तरह निर्धारित 8 घंटे के बजाए ज्यादा समय तक काम लिया जाता है. अतिरिक्त काम का एलाउंस नहीं दिया जाता है.
नौकरी से निकालने की धमकी
कई कर्मचारी ड्यूटी करते करते संक्रमित हो गए हैं. उन्हें छुट्टी नहीं जा रही है. संक्रमण की बात कहने पर अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार कहते हैं कि कामचोरी करने बीमारी का बहाना बना रहे हैं.
मजदूरों से कम मजदूरी
कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें मजदूरों (कलेक्टर दर) से भी कम पर काम लिया जा रहा है. कर्मचारियों की कमी है इसलिए उनसे 12-12 घंटे तो कभी 24 घंटे की इमरजेंसी डयूटी लगाई जाती है और वेतन उतना ही है. उन्होंने कम से कम 20 हजार रुपए महीने वेतन की मांग की है.
17 महीने से लगातार डयूटी
एक कर्मचारी ने बताया कि वे 17 महीनों से लगातार कोविड वार्ड में डयूटी कर रहे हैं. और उनकी तनख्वाह है मात्र साढ़े 6 हजार रुपए.
पुलिस से धमकी दिलाई जा रही है
कर्मचारियों ने बताया कि ठेका कंपनी और अस्पताल द्वारा उनका शोषण और उन पर अत्याचार किया जा रहा है. वेतन बढ़ाने की मांग करने पर ब्लेकमेल करते हैं. पुलिस से धमकी दिलाई जा रही है कि धारा 144 लागू है, काम पर वापस लौट जाओ. कर्मचारियों ने बताया कि मांगों के संबंध ठेका कंपनी के अधिकारी सहित अस्पताल प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है.