रायपुर। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री व प्रदेश के मुख्य सचिव के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. इसमें शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश में किसी कोविड प्रोटोकॉल सुरक्षा संसाधन दिए बिना, फ्रंटलाइन वारियर्स की श्रेणी में रखे बिना शिक्षकों की ड्यूटी राजस्व अमले द्वारा कोरोना संक्रमण से मृत रोगियों के शव को लाने ले जाने और कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के बीच जाकर ट्रेसिंग करने जैसे अव्यवारिक आदेश दिया है, जिसका संघ ने विरोध किया है. शिक्षकों ने तत्काल इस पर रोक लगाते हुए इन आदेशों के परिपालन में कोरोना संक्रमित हो अपनी जान गवां चुके दिवंगत शिक्षकों के परिवार को फ्रंट लाइन वारियर्स को दी जाने वाली 50 लाख की बीमा व उनके घर के आश्रित को शासकीय नौकरी देने की मांग की है.

संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने का कड़ा प्रतिकार करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित रोगियों के लाशों के परिवहन जैसे कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर शिक्षक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है. ऐसे अव्यवहारिक आदेशों को शीघ्र वापस लिए जायें अन्यथा प्रदेश के समस्त शिक्षक इस जैसे अव्यवहारिक आदेशों का सामूहिक बहिष्कार करने को बाध्य होगा.

संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा,कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में संग्लन करने से मना किया है. इसके बावजूद स्थानीय शासन प्रशासन अनेक गैर शैक्षणिक कार्यों में जैसे चुनाव, जनगणना आदि में शिक्षकों की सेवाएं लेते रहा है और शिक्षक भी राष्ट्रहित का ध्यान रखते हुए इन कार्यों को सहर्ष करते आया है, किंतु अब कुछ समय से शिक्षकों की ड्यूटी शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल कार्यो में भी लगाई जा रही है, कोरोना संक्रमितों मृत रोगियों के शव का परिवहन,कोरोना संक्रमितों की ट्रेसिंग, मोहल्ला क्लास जैसे कार्यों के लिए भी अव्यवारिक रूप से आदेशित किया जा रहा है. जिसके कारण प्रदेश से प्रतिदिन सैकडों शिक्षको के कोरोना संक्रमित हो काल कवलित होने के समाचार आ रहे हैं.

कोरोना संक्रमण की खतरनाक रफ्तार के बीच जब सारी दुनिया वर्क फ्रॉम होम,टेलीफोनिक,संचार अथवा अत्याधुनिक गैजेट्स के माध्यम से अपने कार्यों को सम्पन्न कर रही है. ऐसे में प्रदेश के राजधानी समेत अन्य जिलों में विभिन्न कार्यो में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की अव्यवहारिक ड्यूटी लगाकर संक्रमण फैलने हेतु स्थिति पैदा कर रही है,कोशिश यह होनी चाहिए कि कम से कम कर्मचारी जनसमूह के बीच जाए, ताकि संक्रमण और न फैले. अतः शासन प्रशासन ऐसे अव्यवहारिक आदेशों को तत्काल रद्द करे.

कोरोना संक्रमित मृत रोगी लाश परिवहन, कोरोना संक्रमण ट्रेसिंग, मोहल्ला क्लास जैसे अव्यवहारिक आदेशों पर तत्काल रोक लगाने व ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर अपनी जान गंवा चुके शिक्षकों के परिवार को फ्रंटलाइन वारियर्स का लाभ 50 लाख बीमा राशि,व आश्रित को शासकीय नौकरी देने की मांग छ्ग शालेय शिक्षक संघ के समस्त प्रांतीय पदाधिकारी, जिलाअध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, जिला ब्लॉक व संकुल के समस्त पदाधिकारियों ने की है.