कपिल मिश्रा, शिवपुरी। कोरोना की दूसरी लहर का कहर देशभर में मचा हुआ है। बड़ी संख्या में लोग ना सिर्फ कोरोना की चपेट में आ रहे हैं बल्कि कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी डराने वाला है। आलम यह है कि श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगहें कम पड़ते जा रही है और नए श्मशान व कब्रिस्तान बनाए जा रहे हैं। कोरोना से मरीजों की जान बचाने जहां राज्यों ने कोरोना के टेस्ट बढ़ा दिये हैं ऐसे समय में जिम्मेदारों के बेतुके बयान सामने आ रहे हैं कि लोग शौकिया तौर पर कोरोना टेस्ट कराने आ रहे हैं। ये बयान किसी प्रशासनिक अफसर-कर्मचारी का नहीं बल्कि एक डॉक्टर का है, जो कोरोना की गंभीरता को भली भांति जानते हैं।

बारी आने पर स्वास्थ कर्मियों ने जांच कराने के लिए तीन दिन बाद आने को कह दिया

ये बेतुका बयान शिवपुरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का है. जिला अस्पताल में हो रही जांच की कलई उस समय खुल गई जब एक युवक घंटों लाइन में लगा रहा. बारी आने पर स्वास्थ कर्मियों ने जांच कराने के लिए तीन दिन बाद आने को कह दिया. युवक का कहना था कि उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है, इसके बाद भी अस्पताल में उसकी जांच नहीं की गई.

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शब्दों के अर्थ का हवाला देते नजर आए

दरअसल लोगों द्वारा घंटो लाइन लगा कर खड़ होने के बाद उनका टेस्ट नहीं होने को लेकर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन राज कुमार ऋषीश्वर से सवाल किया गया था। जिस पर उन्होंने यह गैर जिम्मेदाराना बेतुका बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जिला अस्पताल में शौकिया तरीके से जांच कराने पहुंच रहे हैं. हालांकि बाद में सिविल सर्जन अपने दिए बयानों में शब्दों के अर्थ का हवाला देते नजर आए.