जीवन सिरसान, बीजापुर। कोरोना की रफ्तार के बीच जिले के अंदरूनी इलाकों में कोविड टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने स्वास्थ्य कर्मियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इंद्रावती पार बसे गाँव तक फ्रंटलाइन वर्कर टीके का बक्सा लेकर पहुंच तो रहे हैं, लेकिन महुआ संग्रहण की वजह से ग्रामीणों से बमुश्किल संपर्क हो रहा है, और सम्पर्क हो भी जाये तो टीका लगवाने घण्टों समझाइश की नौबत आ रही है.

जद्दोजहद के बीच फ्रंटलाइन वर्कर को भरी गर्मी में दुर्गम इलाकों का सफर कभी नाव तो कभी पैदल ही तय करना पड़ रहा है, हालाँकि परेशानियों से जूझ रहे मैदानी कर्मचारियों की कोशिश से अंदरूनी इलाकों टीकाकरण की शुरुआत अवश्य हो चुकी है. जिला टीकाकरण अधिकारी आदित्य साहू की माने तो महुआ का सीजन के चलते ग्रामीण इलाकों में लोग घरों में कम जंगल में समय ज्यादा बीता रहे हैं.

अधिकारी बताते हैं कि उनसे संपर्क साधने में दिक्कतें पेश आ रही है, वहीं तरह-तरह की भ्रांतियां है, जिसके चलते कई इलाकों में ग्रामीण टीका लगवाने से संकोच करते दिखे है. समझाइश के बाद भी कई ग्रामीण बुखार इत्यादि की शिकायत करते हुए टीके से परहेज कर रहे हैं. बाबजूद पामेड़, भैरमगढ़ इंद्रावती पार, सेंड्रा जैसे कठिन इलाकों में स्वास्थ्य कर्मी कोविड टीकों के साथ आमद देकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.

फिलहाल, जिले में 60,000 टीकाकरण का लक्ष्य सुनिश्चित है, जिसमें 26115 लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है. इसमें भोपालपट्टनम सीएचसी अंतर्गत 62 प्रतिशत, उसूर में 38 प्रतिशत, बीजापुर में 40 प्रतिशत, भैरमगढ़ में 26 प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण हो चुका है. कोरोना को मात देने टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्य कर्मी, शिक्षा विभाग कर्मी, मितानिन, आब्जर्वर मिलाकर 1000 कर्मचारी मैदान पर डटे हुए हैं.