काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू में छह साल पहले आए भयंकर भूकंप में ध्वस्त हुए धरहरा स्तंभ को आखिरकार नेपाल सरकार ने फिर से स्थापित करने में कामयाबी पाई है. काठमांडू जाने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र रहने वाले वास्तविक धरहरा स्तंभ की आधारशीला 1830 में नेपाल के प्रथम प्रधानमंत्री भीमसेन थापले ने रखी थी.
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप की वजह से करीबन 9 हजार लोग मारे गए थे, वहीं काठमांडू में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भीमसेन स्तंभ भी भरभराकर गिर गया था, जिसमें करीबन 50 लोगों की मौत हो गई थी.
वास्तविक टॉवर 18 मंजिल का था, लेकिन 1935 में आए भूकंप से यह घटकर 11 मंजिल तक सिमट कर रह गया था. 72 मीटर (236 फीट) ऊंचा नया टॉवर 22 मंजिल का है. इसके आसपास गार्डन है, एक म्यूजियम है, और एक फौव्वारा है. इसके अलावा टॉवर में पहुंचने के लिए दो लिफ्ट लगाए गए हैं.
नए टॉवर को हादसे के वर्षगांठ से एक दिन पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया है. टॉवर को मीनार की तरह बनाया गया है, इससे लोगों को काठमांडू घाटी का पूरा नजारा देखने को मिलता है. हालांकि, पर्यटनों को इस साल के नवंबर महीने तक टॉवर में चढ़ने के लिए इंतजार करना पड़ेगा.