संदीप शर्मा, विदिशा।  गर्भवती महिला को ऑक्सीजन वाले बेड में भर्ती नहीं लिया, तो परिजनों ने 108 एंबुलेंस को घर बुलाकर दो घंटे तक रोके रखा. जिले में पहली बार अपनों की जिंदगी बचाने के लिए एंबुलेंस को घर बुलाकर रोककर रखने का मामला सामने आया है. ऐसा ही कुछ तब हुआ जब नगर के एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ते देख एंबुलेंस को बुलाया और उसमें ऑक्सीजन होने से एंबुलेंस को ही अपने कब्जे में कर उसे जाने से रोक लिया.

ड्राइवर को दो घंटे तक जाने नहीं दिया
जानकारी के अनुसार महिला मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस को पहले पुतली घाट घर पर बुलाया, फिर तोडफ़ोड़ और आग लगाने की धमकी देकर उसे 2 घंटे तक हाईजैक कर लिया. बात यहीं पर आकर खत्म नहीं हुई. परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मचारियों से एंबुलेंस में ही महिला को ऑक्सीजन भी लगवाई और ड्राइवर दीपक को हॉस्पिटल नहीं जाने दिया.

पुलिस ने एंबुलेंस छुड़ाकर अस्पताल भिजवाया
ड्राइवर ने अधिकारियों को घटना की सूचना दी और मौके पर हंड्रेड डायल भेजी. करीब 2 घंटे के बाद पुलिस कर्मचारियों ने बंधक बनाई गई एंबुलेंस को छुड़ाया और महिला को मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन वाले बेड पर भर्ती करवाया.