बिलासपुर। कोरोना प्रबंधन से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ऑक्सीजन की कमी से राज्य के किसी व्यक्ति की जान न जाए इसके लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है. इसके लिए वर्तमान और भविष्य में ऑक्सीजन की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार से सभी संबंधित पक्षों से चर्चा करने को कहा है. न्यायालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जज पार्थ प्रीतम साहू की बेंच ने प्रदेश में कोरोना प्रबंधन को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई करने के बाद शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सोमवार को याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. इसमें निजी अस्पतालों में कोविड की जांच और उपचार की ऊंची दर को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से निजी अस्पतालों में उपचार के लिए दर निर्धारित करने को कहा, जिससे किसी भी मरीज का शोषण न हो.
इसे भी पढ़ें : कोरोना प्रबंधन पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, अस्पतालों में खाली पड़े बेड्स को जरूरतमंदों को उपलब्ध कराने के लिए सिस्टम बनाने पर दिया जोर
इसके अलावा कोविड से जूझने के लिए रायपुर में एक केंद्रीयकृत व्यवस्था तैयार करने को कहा, जिससे प्रदेश के तमाम जिलों के सीएमएचओ जुड़े रहेंगे. इसके साथ तमाम जिलों में सरकारी और निजी अस्पतालों में खाली बिस्तरों की जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे किसी जिले में कोरोना मरीज को बिस्तर नहीं मिलने पर दूसरे जिले में बिस्तर की व्यवस्था की जा सके. इसके अलावा जिला अस्पतालों में हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश दिया गया, जहां एक माउस क्लिक पर खाली बिस्तरों की जानकारी उपलब्ध रहेगी, जिससे मरीज को भटकना नहीं पड़े.