बेमेतरा। बेमेतरा विकासखंड के ग्राम पंचायत चिल्फी के आश्रित ग्राम कांपा में श्री हनुमान सरोवर के तट पर स्थित दक्षिणमुखी श्री हनुमान मंदिर की अपनी ही मान्यता है. हनुमान जयंती के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं. कोरोना काल में श्रद्धालु अपने-अपने घरों में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ विधि-विधान से करेंगे.
ग्राम कांपा के सेवानिवृत्त शिक्षक पंडित रामेश्वर प्रसाद तिवारी बताते हैं कि श्री दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर की स्थापना चौदहवीं शताब्दी में की गई थी. तिवारी परिवार ने तालाब की खुदवाई कराई थी, इस दौरान हनुमान की दो मूर्तियां प्राप्त हुईं, इनमें से एक एक मूर्ति को सरोवर में मंदिर निर्माण कर स्थापित किया गया, वहीं दूसरी मूर्ति ग्राम झरिया में स्थापित की गई है. बताया जाता है कि दूसरी मूर्ति को ग्राम तुमा ले जाने की थी, लेकिन गंतव्य तक जब नहीं पहुंचा पाए तो ग्राम झरिया में ही उसे स्थापित किया गया.
ग्राम कांंपा में विद्यमान हनुमान जी की मूर्ति सिद्ध है, जो भक्तजनो की सभी मनोकामना की पूर्ति करती है. वर्तमान में मंदिर का जीर्णोद्धार एवं देखरेख तिवारी परिवार के सदस्य बेमेतरा निवासी डॉ. बीपी तिवारी अपने भाइयों के सहयोग से करते हैं. डॉ. तिवारी ने बताते हैं कि 27 अप्रैल मंगलवार को हनुमान जयंती के अवसर पर सामूहिक रूप से श्रद्धालु अपने-अपने घरों में 108 बार हनुमान चालीसा के साथ सुंदरकांड का पाठ करेंगे. वे कहते हैं कि कोरोना काल में श्रद्धा और विश्वास के साथ संकट मोचन हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर पाठ किया जाए, तो निश्चित रूप से इस संकट से हमें मुक्ति मिल जाएगी.
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