राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में अब ऑक्सीजन की भी ऑडिट होगी। किस जिले में कितनी ऑक्सीजन की जरुरत है और कितनी आपूर्ति हो रही है। कितनी ऑक्सीजन कहां जा रही है इसका भी अधिकारियों को हिसाब किताब रखना होगा। यहां तक कि ऑक्सीजन ऑडिट की हर दिन की जानकारी भी सीएम को देनी होगी।

दरअसल मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम गड़बड़ा गया है। ऑक्सीजन की वितरण प्रणाली पर सीएम शिवराज सिंह नाराज हो गए। अधिकारियों के साथ चल रही कोराना नियंत्रण की बैठक में उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की। सीएम ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि जिले ऑक्सीजन की डिमांड पहले बताएं। ऐन मौके पर बताने से समय पर ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है।

व्यवस्थाओं में गड़बड़ी सामने आने के बाद अब सीएम माइक्रो मॉनिटरिंग करेंगे। सीएम ने समीक्षा के लिए जिलों को तीन ग्रुप A, B और C में बांट दिया है। सीएम आज ग्रुप A के जिलों की शाम 4 बजे से माइक्रो मॉनिटरिंग करेंगे।

ग्रुप A में – इंदौर, उज्जैन, रतलाम, टीकमगढ़, धार, अनूपपुर, झाबुआ, नीमच, देवास, निवाड़ी, मंदसौर, खरगोन, शाजापुर, आगर, मालवा, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर जिले शामिल हैं। आज ग्रुप A के जिलों की शाम 4 बजे से माइक्रो मॉनिटरिंग होगी।

ग्रुप B में – भोपाल, ग्वालियर, बैतूल, दतिया, विदिशा, सीहोर, मुरैना, शिवपुरी, होशंगाबाद, अशोक नगर, रायसेन, राजगढ़, गुना, हरदा, श्योपुर, भिंड जिले शामिल हैं।

ग्रुप C में – जबलपुर, रीवा, नरसिंहपुर, सिंगरौली, सीधी, पन्ना, सतना, सागर, शहडोल, कटनी, छतरपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, उमरिया, डिंडोरी, छिंदवाड़ा और दमोह जिले शामिल हैं।

विपक्ष ने लगाए थे चोरी के आरोप

आपको बता दें विपक्ष ने ऑक्सीजन गड़बड़ी को लेकर बड़ा आरोप लगाया था। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 93 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चोरी होने का आरोप लगया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना था कि सरकार के रिकाॅर्ड के मुताबिक 26 अप्रैल को सभी जिलों में 527 टन ऑक्सीजन सप्लाई की गई थी। लेकिन जिलों से आई जानकारी में 434 टन आपूर्ति मिली। यानी 93 टन ऑक्सीजन चोरी हो गई।रेमडेसिविर के बाद अब ऑक्सीजन भी चोरी।