हेमंत शर्मा, इंदौर। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। इंजेक्शन न मिलने से संक्रमितों की लगातार मौतें भी हो रही हैं। ऐसे समय में इंसानियत को शर्मासार कर देना वाला रेमडेसिविर की कालाबाजारी से जुड़ा हुआ एक मामला सामने आया है। इंदौर की क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया है जो मरीजों के लिए मंगाए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन को चोरी कर उसे महंगे दामों पर जरुरतमंदों को बेच देते थे। पुलिस ने आरोपी बदमाशों के पास से 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन और 60 हजार रुपये नगद के साथ ही कार जब्त किया है।
इंदौर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े ये बदमाश और कोई नहीं बल्कि पेशे से मेल नर्स हैं। जो कि अपने पेशे को कलंकित करते हुए अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की जान बचाने के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाते थे और उन्हें लगाने की बजाय चोरी कर दूसरे जरुरतमंदों को महंगे दामों में बेच दिया करते थे।
ऐसे हुए गिरफ्तार
गिरफ्तार किये गए इन मेल नर्सों का नाम संदीप ओझा, चिरंजीव भारव्दाज, हरिराम केवट और सोनू बैरवा पिता कन्हैया बैरवा है। पुलिस के मुताबिक उन्हें मुखबीर से सूचना मिली थी कि थाना बाणगंगा क्षेत्र मे लव कुश चौराहे के आसपास एक सफेद रंग की आल्टो कार क्रमांक MP-33/C-6765 मे चार लड़के जो की मेल नर्स व होम आईसोलेशन वाले पेशेंट के प्रायवेट केयर टेकर का भी काम करते हैं। चारों रेमडेसिवीर इंजेक्शनों को बेचने ग्राहकों एवं मरीजों की तलाश में हैं। सूचना पर पुलिस ने मुखबीर द्वारा बताए गए स्थान लवकुश चौराहा सर्विस रोड पर एक सफेद रंग की आल्टो कार को घेरा बंदी कर पकड़ा। पुलिस ने आरोपियों के पास से 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किया। साथ ही आरोपियों के पास से 60,650 रुपये भी बरामद किये।
मरीजों को लगाने की बजाय चोरी कर बेचते थे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अस्पताल में कोविड मरीजों के परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाते थे। इंजेक्शन को मरीजों को लगाने की बजाय उसे चोरी कर महंगे दामों में बेच दिया करते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने इस तरह 30 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन 25,000 से लेकर 40,000 रुपये प्रति इंजेक्शन के दाम पर बेच दिया करते थे।