रेणु अग्रवाल, धार। कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक प्राण वायु ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई करने वाले वाहन अब अलग लुक में नजर आएंगे. ऐसे वाहन को दूर से देखकर पहचाना जा सकेगा कि इसमें ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है. वहीं लोग दूर से ही देखर एंबुलेंस की तरह रास्ता दे देंगे. जिससे यह वाहन समय पर अस्पताल पहुंच सकेगा.

जीवनोपयोगी सामान ले जाने वाहनों को अब नहीं करना पड़ेगा ट्रैफिक जाम का सामना
बता दें कि कभी कभी जीवनोपयोगी सामान ले जाने वाहनों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है. खासकर दवाई और सिलेंडर सप्लाई वाहनों को. ऐसे वाहनों को ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की पहल पर अलग से लुक दिया जा रहा है.

शासन द्वारा ऐसे वाहनों को एंबुलेंस का दर्जा भी दिया गया

वर्तमान में ऑक्सीजन की सप्लाई विभिन्न वाहनों से की जा रही है. कभी कभी देखने में आता है कि अलग पहचान नहीं होने के कारण कई बार निर्बाध आवागमन में दिक्कतें होती है. शासन द्वारा ऐसे वाहनों को एंबुलेंस का दर्जा भी दिया गया है. अभी तो ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों के लिए पायलेटिंग की व्यवस्था रहती है. ऐसी सूरतेहाल को समझ औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने आयशर कंपनी के प्रबंधकों से चर्चा की और कहा कि वाहन को ऐसा डिजाइन करे जिससे दूर से ही ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहन के रूप में पहचान निरूपित हो सके.

परिवहन विभाग द्वारा आवश्यक वस्तु सेवा अधिनियम के प्रावधान अनुरूप इसे सुसज्जित किया गया

कंपनी ने भी इस विचार पर सहमति व्यक्त कर अपने ट्रक 2509 एक्स पी को अलग से ही सफेद रंग और ऑक्सीजन एंबुलेंस लिखकर तैयार किया है. धार जिला अस्पताल को ऐसी दो ऑक्सीजन एंबुलेंस मिलने वाली हैं. ये ऑक्सीजन एंबुलेंस एक बार में 50 सिलेंडर के परिवहन के लिए सक्षम होगी. परिवहन विभाग द्वारा आवश्यक वस्तु सेवा अधिनियम के प्रावधान अनुरूप इसे सुसज्जित किया जाएगा.