रायपुर। अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुए शिक्षाकर्मियों के धड़े मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से मुलाकात के बाद एक फिर बंटे नजर आ रहे हैं. शिक्षाकर्मियों के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए अपने फेसबुक पेज पर साझा किया है. उन्होंने लिखा है कि शिक्षाकर्मियों की कोई भी मांग नहीं मानी गई है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर संघ के नेताओं की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि कोई सरकार के पास जाता है तो समझो दाल में काला है, सरकार से हम जीत नहीं सकते इसलिए हम खामोश हैं.

अब पढ़िए उनकी फेसबुक पोस्ट

*हडताल वापसी के बाद कुछ मूल बातें जिस पर ध्यान देगें शिक्षाकर्मी*

हमने आंदोलन को वापस छात्र हित समाज हित में लिया. हमारी कोई मांग मानी नही गई.
हम सब शिक्षा कर्मी बहुत दुखी हैं सरकार के दमनकारी निती के कारण . बहुत बडा घाव है जो अभी भऱ ऩही सकता .
*कछ प्रमुख बातें हैं जिसे हमें नही भूलना है गांठ बाध कर रखऩी है*
*1)हम भूल नही सकते* -: हमारे शिक्षा कर्मी सीथियों की अकाल मौत को!
*2) हम भूल नही सकते*-: महिलाओँ को रोड में घसीट घसीट कर ले जाना.
*3) हम भूल नही सकते*-: हमारे साथियों को नियम विरूध बरखास्थ करना.
*4) हम भूल नही सकते*-: रायपुर के सभी सुलभ शौचालयों में ताला जड देना.
*5) हम भूल नहीं सकते* -: रास्ते में गाडियों को रोक रोक कर मंहिला,पुरूष, य़हां तक छोटे छोटे बच्चों के उतार कर पुलिस द्वारा हिरासत में लेना.
*6) हम भूल नही सकते* -: शिक्षाकर्मी लीडरों को नक्सलीयों की तरह फोन के लोकेशऩ ट्रेस कर गिरफ्तार करना.
*7) हम भूल नही सकते* -: हमारी मांगो के बावजूद धऱऩा के लिये स्थल ना देना.
*8)हमभूल नही सकते* -: मुख्यमंत्री जी का बयान ना संविलियन हुआ ना होगा.
*9) हम भूल नही सकते*-: लोकतंत्र में आवाज दबाने के लिये आपात काल की तरह स्थिती बनाना.
*10) हम भूल नही सकते* -: कि हडताल मेम कुछ ऩही देने के बावजूद स्कुल समय बडाना.

इसलिये सरकार से ना कोई उम्मीद है,ना करेंगे.वो हमे जो देगा . उससे हमाराजख्म नही भरेगा.
ना हमे किसी से मिलना है बस स्कुल में चपचाप अध्यापन कराना है.
प्लीज कोई सरकार के पास जाता है,, तो समझो दाल में काला है.
सरकार से हम जीत नही सकते.इसलिये खामोश हैं.

पर
*खामोश समंदर सैलाब लाता है*

*यही शिक्षाकर्मियों का स्टैण्ड है*