राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में पत्रकार भी कोरोना योद्धा कहलाएंगे। सूबे की की शिवराज सरकार ने पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा दिये जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा है कि हमारे पत्रकार मित्र कोविड के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने धर्म का निर्वाह कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी बयान आया है। उन्होंने ट्वीट कर सरकार के इस कदम का स्वागत किया है साथ ही उन्होंने कहा है कि फील्ड में ऐसे बहुत सारे पत्रकार कार्य करते हैं जिनके पास अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार होने का दर्जा नहीं है। वे लोग भी अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बाकी पत्रकारों को भी फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि तभी यह निर्णय सार्थक होगा।

आपको बता दें इससे पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देकर कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की मांग की थी। कमलनाथ ने पत्र में कहा था कि जिस तरह स्वास्थ्य, पुलिस, नगरीय निकाय सहित अन्य शासकीय विभाग के कर्मचारी इस आपदाकाल में कोरोना नियंत्रण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उसी तरह पत्रकार भी अपनी जान जोखिम में डालकर सरकार को धरातल की स्थितियों से अवगत करा रहे हैं। इस दौरान कई पत्रकार कोरोना की चपेट में आए और कईयों की मृत्यु हो गई। इसलिए इन परिस्थितियों में शासकीय कर्मचारियों की तरह ही मीडिया कर्मियों को भी आर्थिक रुप से सुरक्षा कवच दिया जाना आवश्यक है।

इस योजना के तहत कोरोना काल में कोविड 19 से किसी का देहांत होता है तो सरकार उसके परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराते हुए 50 लाख रुपये देती है। इस योजना में अभी स्वास्थ्य, पुलिस, नगरीय निकाय के कर्मी शामिल हैं।

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