पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को कंदमूल खिलाने वाली बल्दी बाई की मौत कोरोना से हो गई. वे 92 साल की थी. कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें मेकाहरा अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.  उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. इसके बाद वह बुधवार शाम गरियाबंद स्थित अपने घर लौट आई थी.

बल्दी बाई के पोता धनशाय सोरी ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि रात का भोजन करने के बाद दवा लेकर सोई थी. आज सुबह जब उठा तो कोई हलचल नहीं था. शरीर शांत हो गया था.

मामले में सीएमएचओ एन आर नवरत्न ने कहा कि 10 दिन पहले कोरोना पोजेटिव आई थी. राजधानी में डॉक्टरों की निगरानी में स्वाथ्य हुई. चेकअप के बाद मेकाहारा अस्पताल ने गरियाबन्द भेजा था. कल घर छोड़ने से पहले पूरी तरह चेकअप किया गया था. केवल कमजोरी थी, जरूरी दवाएं भी दे दी गई थी. अभी मौत को सूचना मिल रही है. हार्ट अटैक से सुबह 8 बजे मौत हुई है. पूरा अमला इस घटना से ताज्जुब है.

मैनपुर विकासखंड के ग्राम कुल्हाड़ीघाट की रहने वाली बल्दी बाई की तबीयत बिगड़ने पर 25 अप्रैल को उनका एंटीजन टेस्ट किया गया था. इसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उनमें सामान्य सर्दी-बुखार के लक्षण थे. जानकारी मिलने पर प्रशासन ने उन्हें रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया था. उनकी तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बेहतर उपचार के निर्देश दिए थे. वह अपने ग्राम कुल्हाड़ीघाट पहुंच गई थी. वहीं कलेक्टर ने कहा कि बल्दी बाई कोरोना पॉजिटिव थी, मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया था.

बता दें कि गरियाबंद जिला के कुल्हाड़ी घाट की 92 साल की दादी बल्दी बाई ने दी कोरोना से जंग हार गई है. 10 दिन पहले बल्दी बाई की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आईं थीं जिसके बाद डाक्टरों ने रायपुर मेकाहरा अस्पताल में भर्ती कराया था.

1985 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ पहुंचे थे. उन्होंने राजीव गांधी को कंदमूल भी खिलाए थे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उनके गांव को गोद लिया था. बल्दी बाई जिला मुख्यालय गरियाबंद से 75 किमी दूर स्थित गांव कुल्हाड़ी घाट में रहती थी. दो महीने पहले पीसीसी चीफ मोहन मरकाम भी उनके घर पहुंचे थे.