सत्यपाल राजपूत, रायपुर। आज हर एक व्यक्ति के हाथों में मोबाइल है, लैपटॉप है, टैब है और इसके उपयोग के लिए टाईमिंग भी बढ़ गया है. उपयोग करने का सब लोगों के पास अलग-अलग वजह है. अधिकारी, कर्मचारी ऑनलाइन कार्यों में वयस्त हैं, विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. इसके अलावा आज लॉकडाउन में बच्चे, युवाओं और बुजुर्ग मनोरंजन और समय व्यतीत करने लिए इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच लोग ईयरफोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, जो ज्यादातर बीमारियों को बुलावा है.
ईयरफोन यूजर हो जाएं सतर्क
इसी कड़ी में लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने आपकी सुरक्षा के लिए, आपको बहरेपन से बचाने के लिए ईएनटी डॉ नीति वर्मा से बातचीत की. इस दौरान आवश्यक जानकारी आप तक पहुंचा रहा जो आपके जीवन के लिए फायदेमंद है.
सवाल 1- कान के बीमारी वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रहा है इसका कारण क्या है ?
जवाब- डॉक्टर नीति ने बताया कि आजकल सब वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऐसे में लगातार ईयर फोन की उपयोगिता बढ़ रही है, जो आम दिनों में औसतन घंटे दो घंटे का था, वो बढ़कर 8 से 10 घंटा हो गया है. ऐसे में कानों पर दुषप्रभाव पढ़ रहा है. ये सभी वर्गों में देखने को मिल रहा है. विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षक लगातार पढ़ा रहे हैं. कर्मचारी ऑनलाइन काम कर रहे हैं. इसलिए कान से संबंधित बामारियां बढ़ रही हैं.
सवाल 2- वर्तमान समय ऑनलाइन कार्य, पढ़ाई, ईयरफोन का इस्तेमाल जरूरी है, ऐसे में इस बीच कान की बीमारी से कैसे बचे ?
जवाब- डॉक्टर नीति ने बताया कि सभी ईयरफोन का एक डेसीबल होता है. इसे खरीदते सयम ध्यान देने की बेहद जरूरत है. वर्तमान समय में अधिकरत ईयरफोन 100 डेसीबल के ऊपर के आ रहे हैं, जो हमारे सुनने की क्षमता से अधिक है. अगर हम लगातार ईयरफोन का उपयोग कर रहे हैं, तो हमें अधिकतम 70 डेसीबल आसानी से सुनाई देगा.
अगर शोध की बात करें तो हम लगातार दो घंटें 80 डेसीबल में सुनते हैं, तो कान परमानेंट डेमेज हो सकता है. अगर हम ईयरफोन के फूल क्षमता में सुने तो कितनी परेशानी होगी, ऐसे में हमें पता होना चाहिए कि हमारे ईयरफोन का क्षमता क्या है. हमें उससे फुल साउंड में ईयरफोन के क्षमता अनुरूप उपयोग नहीं करना चाहिए.
सवाल 3- जैसा कि आपने बताया कि लगभग ईयरफोन की क्षमता 100 डेसीबल से ऊपर हैं, ऐसे में ये जानना जरूरी है कि सुनने की क्षमता कितना डेसीबल है ?
जवाब- डॉ ने बताया कि हमारे सुनने की क्षमता अधिकतम 90 डेसीबल है ये चंद समय के लिए अगर हम लगातार इस्तेमाल कर रहे है तो ऐसे में हमे अपने क्षमता के केवल 60 प्रतिशत डेसीबल का इस्तेमाल कर सकते हैं,
सवाल 4– लॉकडॉउन में ईयरफोन का इस्तेमाल टाईमिंग कई गुना ज्यादा बढ़ा है, ऐसे में लगातार कितने समय तक ईयरफोन का इस्तेमाल किया जा सकता है ?
जवाब- डॉक्टर ने कहा कि स्टडी की बात करें थम रूल को मुताबिक हमरी क्षमता के 60 प्रतिशत डेसीबल यानी साउंड यूज कर रहे हैं, तो बीच- बीच में गैप लेकर 6 घंटे काम किया जा सकता है, लेकिन लोग जानेंगे कैसे वो कितना डेसीबल से साउंड का उपयोग कर रहे हैं, तो आप ईयरफोन खरीदते समय देखऩा होगा कि उसका डेसीबल क्या है. जो खरीद चुके हैं, उन्हे ईयरफोन के कवर देखना चाहिए कि जो ईयरफोन इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका साउंड क्षमता क्या है ? अगर आप 8 घंटे काम कर रहे हैं, तो ईयरफोन के साउंड कम करना होगा.
सवाल 5- ईयरफोन लगातार यूज से क्या-क्या समस्याएं होती हैं, कान खराब होने से शरीर में और क्या-क्या डैमेज होता है ?
जवाब- डॉ ने कहा कि डेसीबल की बात कर रहे हैं तो ईयर फोन 100 डेसीबल का ऊपर का आ रहा है. ऐसे में कोई व्यक्ति 90 डेसीबल में भी नहीं सुन पा रहा है. इसे में परमानेंट हीयरिंग लॉस बोलते हैं, जिसका मतलब है कि व्यक्ति परमानेंट बहरा हो जाएगा. इसके बाद हीयरिंग मशीन लगाने के बाद भी कोई सुनने की क्षमता नहीं होती है. बड़ी सर्जरी ही विकल्प होता है, लेकिन इसमें भी संभावना कम होती है कि आप पहले जैसा सुन पाएं. कान खराब होने के स्थिति में चक्कर आते हैं, हेडेक बड़ जाती है, कानों में सूजन की परेशऩी, सूजन के साथ चेहरे में सूजन की परेशनी को नजर अंदाज नहीम करना चाहिए.
सवाल 6- कान इनफेक्शन का शिकार हो गया है, कान में दिक्कत है, कब तक पता चलने पर कान को बचाया जा सकता है ?
जवाब- कान में दर्द होना, इनफेक्शन का शिकार होना, हाई वाल्यूम, कॉन को साफ करना मुख्य कारण होता है. बार-बार कहा जाता है कि कान को साफ करने की जरूरत नहीं, जब हम बात करते हैं, खाना खाते हैं तब कान स्वयं साफ हो जाता है, लेकिन लोग कान साफ करते ही हैं, कल की बात करू तो एक मां एक छोटे बच्चे को लेकर आई थी, लेट से आने के कारण इनफेक्शऩ ज्यादा हो गया था. कान का पर्दा फट गया था. वजह ये थी की मां अपने बच्चे की कान साफ की थी.
सवाल 7- ऑनलाइन काम करना है, पढ़ाई जारी रखऩा, ऐसे में कौन सा ईयरफोन इस्तेमाल करें जो कम घातक है ?
जवाब- ज्यादा डेसीबल में सुनने से लगभग सभी ईयरफोन नुकसान दायक है, लेकिन जो हेडफोन उसका सीधा वार पर्दे में नहीं होता है, आज कल जो पोट आया है, ये ज्यादा नुकसान दयक है क्योंकि इसका साउंड शूट प्वांईट सीधा होता है.
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