शब्बीर अहमद, भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना टेस्टिंग और सीमित वैक्सीनेशन पर सवाल उठाया है। कमलनाथ ने इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में कोरोना की जांच को सीमित कर दिया गया है जिसकी वजह से जांच कराने पहुंच रहे लोगों की टेस्टिंग नहीं की जा रही है। समय पर टेस्टिंग नहीं होने से संक्रमण अन्य लोगों में फैल रहा है। कमलनाथ ने कोरोना की रिपोर्ट में देरी को लेकर भी सवाल उठाया है उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट 5 से 6 दिन में आने के कारण संक्रमित व्यक्ति की जहां स्थिति गंभीर हो जा रही है वहीं उससे अन्य लोगों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
कमलनाथ ने कहा कि सरकार को टेस्टिंग सीमित करने की बजाय उसे बढ़ाना चाहिए और जो भी लोग जांच कराने पहुंच रहे हैं उनका तुरंत जांच होना चाहिए। साथ ही जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आऩा चाहिए।
आंकड़े छिपा रही सरकार
कमलनाथ ने सरकार द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकार सही आंकड़े जारी नहीं कर रही है और जनता को गुमराह कर रही है। श्मशान कब्रिस्तान शवों से भरे हुए हैं, अंतिम संस्कार के लिए कतारें लगी हुई है। परंतु शासकीय आंकड़ों में प्रदेश में कोरोना से प्रतिदिन मृतकों की संख्या 100 के अंदर ही दर्शायी जा रही है। वास्तविक स्थिति की जानकारी होने से कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार वास्तविक कर सकेगी और जनता भी इसकी भयावहता को समझते हुए सावधानी बरतेगी।
विज्ञापन में पैसे खर्च कर रहे
कमलनाथ ने वैक्सीनेशन को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा कि वैक्सीन के नाम पर करोड़ों रुपए का विज्ञापन जारी किया जा रहा है लेकिन वेक्सीन सिर्फ 100 लोगों को ही लग रही है। सरकार विज्ञापन और प्रचार-प्रसार में जो पैसा खर्च कर रही है उससे उसे और वैक्सीन खरीदने के साथ ही आर्थिक राहत प्रदान करने में करना चाहिए।