सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण में बेलगाम है. कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है. इस काल रूपी कहर को रोकने में हर कोई लगा हुआ. इसमें डॉक्टर्स, नर्स से लेकर तमाम कोरोना वॉरियर्स कोरोना को मात में डटे हुए हैं. इसी बीच स्टाफ नर्सों ने मेट्रन ऑफिस के खिलाफ कोरोना काल में भेदभाव कर ड्यूटी लगाने का आरोप लगाया है. नर्सों ने मेकाहारा अधीक्षक से शिकायत की है.

मेट्रन ऑफिस के खिलाफ शिकायत

दरअसल. स्टाफ नर्सों ने मेकाहारा के मेट्रन ऑफिस के खिलाफ शिकायत की है. नर्सों का कहना है कि ड्यूटी में भेदभाव किया जा रहा है.
जिला अस्पताल में भी यही हाल है. स्वास्थ्य संगठन ने मेकाहारा अधीक्षक से लिखित में शिकायत की है. 50-60 नर्सिंग स्टाफ को संरक्षण देने का आरोप लगाया है.

नर्सों ने ड्यूटी में भेदभाव का लगाया आरोप

नर्सों का कहना है कि कोविड-19 कि डयूटी में रोटेशन से लगाते हुए सभी स्टाफ नर्स की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, लेकिन वर्ष 2020 में प्रथम कोविंड लहर में कार्य कर चुके स्टाफ नर्सों को ही द्धितीय लहर में भी बार-बार ड्यूटी लगाई जा रही है, जबकि 60-70 ऐसे स्टाफ नर्स हैं, जिनकी एक बार भी कोविड ड्यूटी नहीं लगाई गई है.  प्रथम लहर में एक बार ही ड्यूटी किए हैं, ऐसे स्टाफ नर्सेस की ड्यूटी द्वितीय लहर में नहीं लगाई जा रही है, जिससे मेट्रन कार्यालय के कार्य संदेह के घेरे में है.

नर्सों ने आरोप लगाया कि अभी भी मेट्रन आफिस के द्वारा संरक्षण देते हुए कोविड कुछ लोगों को ड्यूटी से अलग रखा जा रहा है. कुछ ऐसे नर्स हैं, जो स्टाफ नर्सेस कोविड की सेवाएं निरतर दे रहे हैं, उन्ही नर्सेस की ड्यूटी बार-बार लगाई जा रही, जिससे नर्सेस शारीरिक और मानसिक रूप से पीड़ित हो रही हैं, जिससे नर्सेस में असंतोष व्याप्त है.

देखें शिकायत की कॉपी-

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