नई दिल्ली। असम में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बीजेपी में असमंजस बनी हुई है. सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत बिस्वा को लेकर भाजपा निर्णय नहीं ले पाई है. इसे सुलझाने के लिए बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पार्टी की संसदीय दल की बैठक हुई. बैठक में इस मुद्दे पर सभी पक्षों की राय ली गई. बताया जा रहा है कि बैठक में संघ ने सोनोवाल को एक और मौका देने का सुझाव दिया. जबकि राज्य में पार्टी के दोनों सहयोगी यूपीपीएल और असम गण परिषद की पसंद हिमंत बिस्वा सरमा है. वे उन्हें नए सीएम के रूप में देखना चाहते हैं.

बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री शाह के आवास पर मौजूद थे. वहीं प्रधानमंत्री सहित बोर्ड के कई सदस्य वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े थे. इसमें असम के क्षेत्रीय प्रचारक उल्लास कुलकर्णी और संघ के पूर्वोत्तर के प्रभारी सुनील पांडे को खास तौर से आमंत्रित किया गया था. ये दोनों वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक, फिलहाल इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. बैठक में सभी की राय ली गई है. अब इस संबंध में प्रधानमंत्री के स्तर पर कोई निर्णय लिया जाएगा.

दरअसल असम विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से लेकर गठबंधन और मुद्दों के चयन में हिमंत की अहम भूमिका रही है. चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व ने सोनोवाल को सीएम पद का उम्मीदवार नहीं बना कर हिमंत को सीएम बनाने का संकेत दिया था. हालांकि चुनाव के बाद पार्टी को कई दूसरे पहलुओं पर भी विचार करना पड़ रहा है.

दोबारा सत्ता हासिल होने के बाद संघ के साथ पार्टी का एक धड़ा सोनोवाल को ही कमान देना चाहता है. संघ का तर्क है कि सोनोवाल की छवि बेहद अच्छी है. बीते पांच साल में उन पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा. केंद्रीय योजनाओं को उन्होंने बेहतर ढंग से जमीन पर उतारा. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं लागू कीं. ऐसे में उन्हें दूसरा मौका नहीं देना सही नहीं होगा. वहीं दूसरी ओर हिमत की अनदेखी करना बी पार्टी के लिए आसान नहीं है.