मुरादाबाद. 19 अप्रैल को कॉसमॉस अस्पताल में रामप्रताप सिंह और नसीर अहमद के शव बदल जाने की घटना को अभी लोग भूल भी नहीं पाए थे. अब नया मुरादबाद स्थित ब्राइट स्टार अस्पताल में दो महिलाओं के शव बदल की सोशल मीडिया पर वीडियो वायरस हो गई. इससे अस्पताल स्टाफ और प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया. गनीमत यह रही कि गाड़ी में शव रखने के बाद पहुंचे महिला के बेटे ने मां का चेहरा देखा तो हकीकत सामने आ गई. जिस महिला का शव था, उसके परिजन भी वहीं मौजूद थे, जिससे दोनों के परिवार वालों ने अपने अपने शव ले लिए.

इस दौरान दोनों ही परिवारों ने जमकर हंगामा किया. अस्पताल स्टाफ को खरी खोटी सुनाई. नया मुरादाबाद स्थित ब्राइट स्टार अस्पताल में नोयडा के प्रताप बिहार निवासी अशोक सक्सेना और उनकी पत्नी एकता सक्सेना को पांच दिन पूर्व कोविड संक्रमित होने के बाद भर्ती कराया था. इलाज के दौरान 52 वर्षीय एकता सक्सेना की मौत हो गई. अस्पताल में लाइनपार निवासी 47 वर्षीय सोनिया वर्मा को कोविड संक्रमित होने के बाद करीब दस दिन पहले भर्ती कराया गया था. उनकी मौत भी रविवार को सुबह हो गई थी. दोनों शवो को उनके परिजनों को सौंप दिया गया था, लेकिन मृतका सोनिया वर्मा के परिजनों के हाथ में अस्पताल प्रबंधन ने जो बिल दिया था. उसको लेकर परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया और सोनिया वर्मा की शव अस्पताल से नहीं जा पाया था. वहीं एकता सक्सेना के परिजन शव को लेकर निकलने ही वाले थे. इसी बीच सोनिया वर्मा का बेटा शिवम वर्मा आ गया और जब अपनी मां का चेहरा देखा तो हैरान रह गया.

इसे भी पढ़े – पिता की मौत के 10 दिन बाद भी नहीं दिया शव, बेटा गिड़गिड़ाता रहा डॉक्टरों के सामने

चीखकर बोला, ये मेरी मां नहीं हैं. अस्पताल कर्मियों से शव बदलने की बात कहते हुए हंगामा करने लगा. रिश्तेदार ने भी अस्पताल स्टाफ को खरी खोटी सुनाते हुए हंगामा करने लगे. तभी एकता सक्सेना के परिजनों ने भी लाश चेक की तो वह उनकी नहीं थी. अस्पताल प्रशासन के होश उड़ गए. हंगामे की सूचना पर नोडल अधिकारी और एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी आ गए और उन्होंने दोनों शवों के चेहरे खुलवाए तो शवो की अदला बदली की गई. नोडल अधिकारी के समझाने पर दोनों के परिजन अपने अपने शव लेकर चले गए.

Read more – SC Formulates National Task Force to Ensure Appropriate COVID Relief Distributions