रवि गोयल,जांजगीर। जिले में पामगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोखरी में आज उस वक्त हड़कंप मच गया, जब घर में किसी दूसरे कोरोना मरीज का शव पहुंच गया. परिजनों की नजर जब उस लाश पर पड़ी, तब उन्हें पता चला कि यह किसी अन्य मरीज का शव है. हालांकि शवों की अदला-बदली पर अस्पताल प्रबंधन ने अपनी सफाई भी दी है. प्रबंधन ने वजह भी बताई है कि आखिर ऐसी गलती क्यों हुई.

बीते दिनों हुआ था कोरोना संक्रमित

जानकारी के मुताबिक खोखरी निवासी 45 वर्षीय लखन लाल साहू कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव हुआ था. कोरोना से संक्रमित होने के बाद बिलासपुर के आर वी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. रविवार को इलाज के दौरान लखन की मौत हो गई. आर वी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बिना देखे लखन लाल साहू के बजाए किसी और मरीज का शव को किट में पैक कर दिया. फिर शव को एंम्बुलेंस के जरिए खोखरी भेजवा दिया.

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शव का चेहरा देख हैरान हो गए परिजन

लखन की मौत की खबर के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. इसके साथ ही अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली गई. लेकिन शव आने के बाद आखिरी बार चेहरे देखने के लिए परिजनों ने जिद की. जब कर्मचारियों ने शव को दिखाया, तो परिजन हैरान रह गए. क्योंकि वो शव लखन लाल नहीं था. जिसके बाद परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए.

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दोबारा मंगवाया गया शव

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगने के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे. अस्पताल प्रबंधन को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद शव को वापस अस्पताल भेजकर मृतक लखन लाल साहू का शव मंगाया गया. जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया जा सका.

क्यों हुई गलती ?

आर वी हॉस्पिटल अस्पताल प्रबंधन ने मामले में सफाई दी है. प्रबंधन ने बताया कि एक ही नाम के दो लोगों की मौत हुई थी. जिसके चलते यह गलती हुई. मुंगेली के रहने वाले लखन लाल के शव को गलती से जांजगीर जिला भेज दिया गया था. हालांकि वक्त रहते परिजनों को इसकी जानकारी लग गई. वरना परिजन अपने परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाते.

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