बालाघाट। कोरोना संक्रमण काल में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जहां गरीबों को उचित मूल्य की दुकानों से एकमुश्त तीन माह राशन दिया जा रहा है, वहीं जिले के कई गांवों के ग्रामीणों को बीते 09 माह से राशन नहीं मिल पाया है. इससे सरकार की योजना के क्रियान्वयन का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार द्वारा कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा योजना के तहत कोरोना काल में सभी बीपीएल कार्डधारियों को उचित मूल्य की दुकानों से मुफ्त में राशन दिया जा रहा है. वहीं इस योजना के विपरीत ग्रामीण क्षेत्र में लोग राशन के लिए तरस रहे हैं. इससे अुनमान लगाया जा सकता है कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में सरकार की योजनाओं का क्या हाल है. उचित मूल्य की दुकानों पर ताले लटके है.

9 महीनों से ग्रामीण अंचलों के लोग वंचित

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से न केवल ग्रामीण अंचलों में निवासरत लोगो को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है, बल्कि अब पेट की आग शांत करने की जद्दोजहद भी जारी है. आलम यह कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में निवासरत भोले भाले आदिवासी दलिया, पेज पीकर या जंगलों के कंदमूलों के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर है. ऐसी विषम परिस्थिति में सबसे दुखद बात यह कि शासन द्वारा प्रदान किए जाने वाले राशन से भी पिछले 9 महीनों से ग्रामीण अंचलों के लोग वंचित है.

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मामला जनपद पंचायत परसवाड़ा के ग्राम शैला का

मामला जनपद पंचायत परसवाड़ा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत शैला का है, जहां पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम शैला, खापा, घाना, मालखेड़ी, मोहगांव के तकरीबन 500 राशन कार्डधारियों को पिछले 9 महीनों से राशन नहीं मिल पा रहा है. इन सुदूर अंचलों में निवासरत लोग शासन से प्रदाय किए जाने वाले राशन के भरोसे ही अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन भोले-भाले आदिवासियों को 9 महीने से राशन नहीं दिया गया हो आखिर किस तरह अपना गुजर-बसर कर रहे होंगे. उनके सामने भरण पोषण की क्या स्थिति होगी.

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जिला पंचायत सदस्य ने ली सुध
कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति में अपने क्षेत्र के लोगों के बीच उनका हालचाल जानने पहुंचे जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पन्द्रे. उन्हें अपने बीच पाकर लोगों ने उनके सामने अपनी समस्याओं को रखते हुए कहा कि विगत 09 महीनों से उन्हें उनके हक के राशन से वंचित रखा गया है. ग्रामीणों ने बताया कि सोसाइटी से राशन नहीं मिलने के कारण किसी तरह दलिया, पेज के साथ-साथ जंगलों के कंदमूलों से काम चलाया जा रहा है. वहीं उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत सदस्य ने तत्काल तहसीलदार, एसडीएम सहित कलेक्टर को दूरभाष पर वहां की समस्याओं से अवगत कराते हुए लोगों के लिए शीघ्र राशन की व्यवस्था किए जाने की मांग की. इस दौरान उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर द्वारा शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया गया है.

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