नई दिल्ली। भारत में कोरोना महामारी के बीच वैक्सीन की किल्लत हो गई है. इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. रूस की एक स्पुतनिक-V वैक्सीन अगले हफ्ते से मिलेगी. इस वैक्सीन का देश में उत्पादन जुलाई महीने से शुरू हो जाएगा. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. इस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, डॉ बलराम भार्गव, आईसीएमआर और नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल मौजूद रहे.

लव अग्रवाल ने बताया कि अगले हफ्ते से स्पुतनिक-V वैक्सीन की बिक्री भारत में शुरू हो जाएगी. 2 बिलियन डोज भारत में अगले पांच महीनों में उपलब्ध होगी. देसी और विदेशी वैक्सीन दोनों भारत में लगने लगेगी. स्पुतनिक का जुलाई महीने में उत्पादन होगा और अक्टूबर तक भारत में उत्पादित होकर मिलने लगेगी. उन्होंने यह भी कहा कि कुल मिलाकर, भारत में और भारतीयों के लिए अगस्त-दिसंबर के बीच वैक्सीन की 216 करोड़ खुराकें भारत में निर्मित होंगी.

वैक्सीनेशन के बारे में बताया गया कि अबतक 17.72 करोड़ लोगों को डोज दी जा चुकी है. जिसमें 13.76 करोड़ फर्स्ट डोज, 3.96 करोड़ सेकेंड डोज है.

मंत्रालय ने बताया कि देश में सबको वैक्सीन लगाई जाएगी. स्पुतनिक-V से कमी दूर होगी. साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य स्वायत्तता चाहते थे, जो अब केंद्र ने दे दी है. डबल्यूएचओ से जो वैक्सीन अप्रूव हैं, उनको भारत में मंजूरी मिलेगी. आयात आयत लाइसेंस की कोई पाबंदी नहीं होगी. जनता और राज्यों की मांग और जरूरत पर ये कदम उठाए गए हैं.

लव अग्रवाल ने कहा कि देश के 187 जिलों में पिछले 2 हफ्तों से कोरोना मामलों में गिरावट जारी है. 24 राज्य में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी तक है, जबकि 12 राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से अधिक कोरोना के केस हैं. मौजूद समय में रिकवरी रेट 83.26% है. अब केस भी घट रहे हैं. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग भी अब सबसे अधिक हो रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि बिहार में एक्टिव केस एक लाख से नीचे आ गए हैं. 16 राज्य ऐसे हैं जहां एक्टिव केस 50 हजार से कम हैं. राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी, दिल्ली में अब नए केस कम आने शुरू हो गए हैं. देश में 24 राज्य शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां 15 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. 5-15 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट 8 राज्यों में है. 5% से कम पॉजिटिविटी रेट 4 राज्यों में है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में 12 राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से भी ज्यादा एक्टिव मामले हैं. 8 राज्यों में 50,000 से एक लाख के बीच एक्टिव मामलों की संख्या बनी हुई है. 16 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम एक्टिव मामलों की संख्या बनी हुई है.

पंडित – प्रिय शरण त्रिपाठी ज्योतिश्चार्य 

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