राजनांदगांव। शहर के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए एक निर्धन परिवार से 2100 रुपये मांग लिए गए. इसे लेकर अब गौशाला पिंजरा पोल द्वारा संचालित मुक्तिधाम को प्रशासन के अधीन करने की मांग की जा रही है. युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस पार्षद ने लकड़ी और छेना रखकर प्रदर्शन किया जा रहा है.

अंतिम संस्कार के लिए मांगे पैसे

दरअसल, राजनांदगांव शहर के राजीव नगर वार्ड क्र. 42 के निवासी शिवप्रसाद सारथी के 17 वर्षीय बेटे इंदरचंद की मौत हो गई. बेटे की मौत से पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. किसी तरह अंतिम संस्कार के लिए शव को मठपारा स्थित मुक्तिधाम ले जाया गया. अंतिम संस्कार के दौरान जब वे लकड़ी लेने पहुंचे, तो वहां उन्हें 2100 रुपये की रसीद कटाने कहा गया.

निर्धन परिवार से वसूली

यह सुनकर जवान बेटे की मौत के सदमे से गुजर रहे पिता को दोहरा आघात लगा. रोजी मजदूरी करने वाले पिता के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे. जब कोई उपाय नहीं सुझा तो उन्हें अपने वार्ड के पार्षद ऋषि शास्त्री से संपर्क किया. तब ऋषि शास्त्री मुक्तिधाम पहुंचे और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी में रकम देने की बात कही. तब जाकर शिवप्रसाद को उनके बेटे के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध कराई गई.

इस मामले के बाद मुक्तिधाम प्रबंधन समिति के खिलाफ कांग्रेस के पार्षद ऋषि शास्त्री और युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष निखिल द्विवेदी ने बीजेपी नेता खूबचंद पारख के निवास के सामने छेना लकड़ी रखकर प्रदर्शन किया. वहीं गौशाला पिंजरापोल के द्वारा संचालित इस मुक्तिधाम को प्रशासन के अधीन करने की मांग की.

लॉकडाउन के कारण जब लोगों के पास काम धंधे नहीं है, तब रोजी मजदूरी करने वाले परिवार अपने परिजन के अंतिम संस्कार के लिए रुपए भी जुटा नहीं पा रहे हैं. ऐसे वक्त में भी गौशाला पिंजरापोल संस्था के द्वारा संचालित मुक्तिधाम में निर्धन परिवारों से भी रुपए की मांग की जा रही है, जो इस संकट की घड़ी में मानवता को शर्मसार करने वाली बात है. अब कर्ज लेने की नौबत आ गई है. गरीब परिवार  कैसे रकम अदा कर पाएगा.

यही कारण है कि युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने आज इस मुक्तिधाम को प्रशासन के अधीन करने की मांग की है. वहीं कांग्रेस पार्षद ऋषि शास्त्री ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. अपने प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि मठपारा मुक्तिधाम को शासन, कुछ समाजसेवियों से अनुदान और आर्थिक सहयोग भी मिलता है. इसके बावजूद कठिन परिस्थिति में एक लाचार पिता को मुक्तिधाम संस्था द्वारा कोई मदद उपलब्ध नहीं कराई गई.

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