शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के चिरायु अस्पताल में मरीज के परिजनों से बदसलूकी का मामले में नया मोड आ गया है. जिला कलेक्टर ने अस्पताल को परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट देने के आदेश दिए हैं. वहीं अस्पताल के मालिक डॉ. अजय गोयनका का पूरे मामले पर जवाब सामने आ गया है.

बता दें कि चिरायु अस्पताल द्वारा आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज कराने गए परिजनों के साथ बदसलूकी के मामले में जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया ने परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट देने के लिए आदेश जारी कर दिया है. साथ ही अस्पताल के खिलाफ नोटिस भी जारी होगा. वहीं प्रशासन द्वारा अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की भी मांग की जाएगी.

इस पूरे मामले के तूल पकड़ने के बाद चिरायु अस्पताल के मलिक डॉ. अजय गोयनका का बयान सामने आया है. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि वीडियो जारी करने वाले लड़के की मां 19 अप्रैल से भर्ती थी. वहीं आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज को लेकर कहा कि सरकार का आदेश 7 मई के बाद आया है. इस आदेश के बाद इस कार्ड के जरिए कई मरीजों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. उन्होंने अस्पताल और अपने ऊपर लगे आरोपों को ये कहते हुए खारिज किया है कि आज भी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के मरीज भर्ती हैं, और जबतक अस्पताल का नाम इस योजना के तहत रहेगा तबतक आगे भी इलाज किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- यहां कोरोना कर्फ्यू तोड़ने वालों को पुलिस दे रही राम-नाम की सजा, इससे आएगी लोगों में सद्बुद्धि

गौरतलब है कि कोरोना कहर के बीच चिरायु अस्पताल का अमानवीय चेहरा आया सामने आया है, जहां आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज कराने गए परिजनों के साथ बदसलूकी की गई है और आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज करने से भी मना कर दिया गया, जबकि प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए आयुष्मान कार्ड के तहत फ्री इलाज के लिए जिन अस्पतालों को चुना है, उनमें चिरायू अस्पताल का नाम भी शामिल है. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन के एक कर्मचारी ने मरीजों के साथ अभद्रता करते हुए इलाज करने से मना कर दिया.

इसे भी पढ़ें- BREAKING : प्रदेश में थम रही कोरोना की रफ्तार, आज मिले 7106 संक्रमित, राजधानी में एक हजार से कम मिले मरीज