सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में सरकारों को कोरोना के अलावा एक और लड़ाई लड़नी पड़ रही है. वह है कोरोना टीकाकरण को लेकर सोशल मीडिया में फैलाई जा रही तरह-तरह की भ्रांतियां और अफवाह है. यही वजह है कि शहरों में टीका लगाने वालों की लंबी लाइन है, तो गांवों में टीका लगाने लोगों में जरा भी उत्साह नहीं दिख रहा है.
हॉस्पीटल बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष एवं ENT डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताते हैं कि टीकाकरण को लेकर सोशल मीडिया में अफवाहों का बाज़ार गुलज़ार है. शरारती तत्व कई तरह की भ्रामक जानकारी वायरल कर रहे हैं. इसका असर यह हो रहा है कि लोग टीका लगवाने से कतरा रहे हैं. एक और राज्य में टीकाकरण का आंकड़ा भी बढ़ा है, जिसमें अब तक 59 लाख लो टीका लगवा चुके हैं. लेकिन वहीं दूसरी ओर अंत्योदय कार्डधारियों में टीकाकरण की संख्या बहुत कम है. यही नहीं कई गावों से टीकाकरण के बहिष्कार की खबरें सामने आ रही है.
डॉ. गुप्ता कहते हैं कि टीका को लेकर तमाम तरह की अनर्गल अफ़वाह फैलायी गई हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. न कोई नपुंसक हो रहा है, और न ही किसी की मौत हो रही है. सिर्फ़ यह अफ़वाह है. कोरोना का टीका उतना ही सुरक्षित है, जितना पोलियो या गोल घोटू का टीका. इससे डरे नहीं, बल्कि इसको लगवाकर सुरक्षित रहें.
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डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपचार है. मैंने भी टीके का दोनों डोज़ लगवा लिया है. आम लोगों से भी अपील है कि अपनी बारी के अनुसार टीका ज़रूर लगवाएं. इससे आप ही नहीं बल्कि आपके परिवार भी सुरक्षित रहेगा. वहीं उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन लोगों में कोरोना का लक्षण है और वो वैक्सीन लगवा लेते हैं, तो उनको कोई नुक़सान नहीं होगा. ज़्यादा लक्षण होने पर डॉक्टरी सलाह लेकर वैक्सीन लगवाएं.
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