सत्यपाल राजपूत, रायपुर। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रतिनियुक्ति में सरकारी स्कूलों से शिक्षक लेने का भारी विरोध शुरू हो गया है. शिक्षाविदों का कहना है कि कुछ ही हिंदी मीडियम के स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक हैं, अगर वो चले जाएंगे तो उस का क्या होगा. ऐसे में हिन्दी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बच्चों से भेदभाव क्यों किया जा रहा है. पहले से इन स्कूलों का हालात खराब है. अब शिक्षकों के चले जाने से स्थिति बदत्तर हो जाएगी. इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा.

प्रतिनियुक्ति से लाखों बच्चों का भविष्य खराब

दरअसल, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, लेकिन इसमें भी शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को मौका दिया जा रहा है. यहां प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों की नियुक्ति कि जाएगी. हिन्दी माध्यम के शासकीय स्कूलों से जो धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलना व लिखना व पढ़ना जानते है, उन्हें छांटकर निकाल लिया जाएगा. अच्छे शिक्षकों को शासकीय हिन्दी माध्यम स्कूलों से निकाल कर इस योजना में नियुक्त किया जाएगा.

ऐसे स्थिति में पालक एवं पैरेंट एसोसिएशऩ के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने ही नहीं बल्कि शिक्षाविदों ने कहा कि सरकार क्या हिन्दी माध्यम स्कूलों को बंद कर देना चाहती है या उनमें पढ़ने वाले लाखों बच्चों के जीवन व भविष्य को खराब कर देना चाहती है. शासकीय स्कूलों में पहले ही अच्छे शिक्षकों की भारी कमी है और अब तो शासकीय हिन्दी माध्यम स्कूलों की हालत और खस्ता हो जायेगी जब वहां से अच्छे शिक्षक चले जाएंगे.

प्रतिनियुक्ति न्याय संगत नहीं

वहीं सुझाव देते हुए कहा कि यदि विभाग अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित करना चाहती है तो यह नया सेटप है. नए शिक्षकों की नियुक्ति किया जाए. अपने एक स्कूल की बलि चढ़ाकर दूसरे स्कूलों को अच्छा बनाना न्यायसंगत और तर्कसंगत नहीं है.

प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि हिन्दी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि दोनों तो सरकारी स्कूल ही है और दोनों माध्यमों के स्कूलों में क्वालिटी एज्युकेशन देने की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग की है. हिंदी माध्यम स्कूल से शिक्षक चलें जाएंगे तो वहां के विद्यार्थियों का क्या होगा उन्हें कौन पढ़ाएगा ? भर्ती तो करना ही पड़ेगा तो अंग्रेजी स्कूल के लिए भर्ती किया जाए.

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