बिलासपुर.शिक्षाकर्मियों की हड़ताल से पढ़ाई-लिखाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिये राज्य शासन ने जो नई व्यवस्था बनाई है,उसका छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ ने कड़ा विरोध किया है.संघ ने बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया है और मांग की है कि पुरानी व्यवस्था के तहत ही स्कूलों का टाइम टेबल निर्धारित किया जाये.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नई व्यवस्था के तहत फरवरी माह तक स्कूलों का शिक्षण कार्य सुबह 9.30 से शाम 4.30 तक निर्धारित किया है.साथ ही इस टाइम टेबल को शनिवार के दिन भी लागू करने के निर्देश दिये हैं,जबकि पहले की व्यवस्था के मुताबिक शनिवार के दिन सुबह 7.30 से 11.30 तक स्कूल लगता था. प्रधान पाठक संघ ने अपने ज्ञापन में सीधे तौर पर शिक्षाकर्मियों की हड़ताल का जिक्र नहीं किया है,लेकिन दूसरे तमाम तर्कों के आधार पर पुरानी व्यवस्था को ही जारी रखने की मांग की है.
संघ ने तर्क दिया है कि सुबह स्कूल लगाने की नई व्यवस्था से छोटे-छोटे बच्चों को घर से बिना खाये -पिये स्कूल आना पड़ता है.साथ ही इन बच्चों को लगातार सात घंटे तक स्कूल में बिठाकर रखने से एक गंभीर समस्या पैदा हो गई है.संघ ने यह भी तर्क दिया है कि स्कूलों में कोर्स पूरा होने को है,ऐसे में स्कूलों की टाइमिंग बढ़ाने से प्रधान पाठकों और नियमित शिक्षकों में रोष व्याप्त है.संघ ने यह भी कहा है कि शनिवार को सुबह 7.30 बजे स्कूल नहीं लगाने से बच्चे व्यायाम और योग आदि नहीं कर पा रहें हैं,इसलिये स्कूलों का पुराना टाइम टेबल ही हर लिहाज से ज्यादा व्यावहारिक है.