रायपुर। कोविड-19 के उपचार के लिए जिले के निजी अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों को होने वाली समस्याओं और शिकायतों के समाधान करने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों ने अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. अब तक शिकायतों के आधार पर 11 निजी चिकित्सालयों को 16 नोटिस भेजने के साथ दो चिकित्सालय पर कार्रवाई भी की गई है.

अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में एकाएक कोरोना की व्यापक लहर आने पर कलेक्टर ने तत्काल रायपुर जिले में कोरोना के इलाज करने वाले सभी निजी चिकित्सालयों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की. इसके अलावा मरीजों से मिल रही शिकायतों के निवारण लिए नोडल अधिकारियों के नंबर ना केवल चिकित्सालयों में अंकित करवाएं, बल्कि उनके नंबरों को सार्वजनिक भी किया. इसके साथ ही शिकायत करने के लिए विशेष टोल फ्री नंबर +91 86022 70023 भी जारी किया, जिसके माध्यम से कोई भी मरीज या उसके परिजन शिकायत कर सकते हैं. इस पूरे कार्य के समन्वय के लिए सहायक नोडल अधिकारी के रुप में आईएएस अभिषेक कुमार को दायित्व सौंपा.

निजी हॉस्पिटलों में शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक चार्ज लेने की शिकायत पर बिल की जांच भी की जाती है. इन शिकायतों के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा 11 निजी चिकित्सालयों को 16 नोटिस जारी किए गए. इसके तहत बांठिया हॉस्पिटल को 4 ,श्री मेडीसाइन हॉस्पिटल को 2, रामकृष्ण हॉस्पिटल को 1, जय अंबे हॉस्पिटल को 1, मित्तल हॉस्पिटल को 1, महामाया हॉस्पिटल को 1, रिम्स को 2, पथकिंड को 1, एकता चिल्ड्रन हॉस्पिटल को 1 , कान्हा चिल्ड्रन हॉस्पिटल को 1, बालाजी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को 1, नोटिस जारी किया गया.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया कि चिकित्सालय को अतिरिक्त ली गयी राशि मरीजों के परिजन को वापस करने के निर्देश भी दिए गए. इसके कारण ना केवल बहुत से मरीजों की राशि वापस की गई या बिल की राशि को कम किया गया. इसका फायदा विभिन्न चिकित्सालय में भर्ती कोरोना के अन्य मरीजों को भी मिला. बांठिया अस्पताल , रायपुर के विरुद्ध कई शिकायत प्राप्त होने के पश्चात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय द्वारा संबंधित निजी अस्पताल पर कार्रवाई करते हुए उसके लाइसेंस को 15 दिनों के लिए निरस्त किया गया. इसी तरह अनियमितता प्राप्त होने पर नर्सिंग एक्ट के तहत महामाया हॉस्पीटल, खरोरा पर 5 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया.

ज्ञात हो अप्रैल महीने में जब महामारी चरम सीमा पर थी, उस समय नोडल अधिकारियों को मरीज को शीघ्र भर्ती कराने के लिए परिजनों के डिस्ट्रेस कॉल भी आते थे. ऐसे में मरीज की स्थिति एवं खाली बेड की जानकारी को देखते हुए नोडल अधिकारियों द्वारा 24 घंटे रात- दिन अस्पताल में भर्ती कराने में भी सहयोग किया गया. इसी तरह ऐसे मरीज जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे परंतु कोई कारणवश उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, उन्हें अधिकारियों के समन्वय से शासकीय अस्पतालों में भी रेफेर और ट्रांसफर किया गया. मरीज की स्थिति एवं उपचार संबंधित जानकारी अस्पताल द्वारा साझा कराने में भी मदद की.

इसी तरह नोडल अधिकारियों ने निगम अधिकारियों और जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त संबंधित अधिकारियों के समन्वय से डेड बॉडी का मूवमेंट सुचारु रूप से हो यह सुनिश्चित भी किया गया.

सहायक नोडल अधिकारी डॉ प्रकाश गुप्ता ( सिविल सर्जन, रायपुर) एवं नियुक्त नोडल अधिकारीगण एके पाण्डेय, प्रशांत शर्मा, लोकनाथ साहू, शैलाभ कुमार साहू, प्राची मिश्रा, व्हीके देवांगन, डॉ रविन्द्र कनखिवाले, राजेंद्र दुबे, चम्पत देवांगन, सीके पाण्डेय, भूपेंद्र बवान्थडे, अशोक धोटे, श्रीमती विद्या भंडारी, सुनील बघेल , मृणालिनी सिंह ठाकुर, भूपेंद्र पांडे, विनायक शर्मा, डीएल साहू, सीपी जैन व अन्य आवंटित निजी अस्पतालों से संबंधित शिकायतों का निवारण लगातार करने में जुटे हुए हैं.