लखनऊ. कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बैठक की. बैठक में सीएम ने कई दिशा-निर्देश दिए. प्रदेश में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और सदस्यों के शपथ ग्रहण और ग्राम पंचायत की पहली बैठक का कार्यक्रम शासन स्तर से घोषित कर दिया है. यह कार्यक्रम वर्चुअल होना है, फिर भी यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन हो. नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और सदस्यों को जुलूस, सभा आदि की अनुमति नहीं होगी.
ब्लैक फंगस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मरीजों के समुचित उपचार के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध किए जा रहे हैं. इसके साथ-साथ आमजन को इस संबंध में जागरूक करने की भी जरूरत है. स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए डॉक्टरों से ही परामर्श करें. लापरवाही भारी पड़ सकती है. सभी जिलों में वेंटिलेटर की उपलब्धता कराई गई है. एनेस्थेटिक और तक टेक्नीशियन की तैनाती भी है. आज से एसजीपीजीआई के समन्वयन में एनेस्थेटिक की ट्रेनिंग भी प्रारंभ हो गई. जिला स्तर के टेक्नीशियन की भी ट्रेनिंग कराई जानी चहिए. सुविधानुसार आईटीआई/स्किल डेवलपमेंट सेंटर से युवाओं का चयन कर उन्हें भी प्रशिक्षण दिलाया जाए.
कोविड हॉस्पिटल में ‘पोस्ट कोविड वार्ड’ तैयार किया जाए
कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके कुछ लोगों को अभी भी चिकित्सकीय निगरानी की आवश्यकता पड़ रही है. ऐसे में कोविड उपचार के साथ-साथ पोस्ट कोविड मेडिकल समस्याओं के ट्रीटमेंट के लिए व्यवस्था आवश्यक है. सभी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में ‘पोस्ट कोविड वार्ड’ तैयार किया जाए. यहां हर बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था हो. इन मरीजों के चिकित्सकीय उपचार के साथ-साथ भोजन के लिए भी समुचित प्रबन्ध किए जाएं. प्रदेश के सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए. इस सम्बन्ध में भारत सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए. मांगपत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखा जाए.
प्रदेश भर में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का 1 जून से टीकाकरण
1 जून से सभी 75 जिलों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के कोविड टीकाकरण का कार्यक्रम प्रारम्भ हो रहा है. न्यायिक सेवा के लोगों, मीडिया प्रतिनिधियों के अलावा फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर के टीकाकरण हेतु दो-दो केंद्र सभी जिलों में बनाए जाएं. सरकारी कर्मचारी, बैंक कर्मी आदि का टीकाकरण शीघ्रता से कराया जाना चाहिए. जिन अभिभावकों के बच्चे 12 वर्ष से कम आयु के हैं, उनका टीकाकरण प्राथमिकता के साथ किया जाना आवश्यक है. इस संबंध में विधिवत कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए. हर जिले में ‘अभिभावक स्पेशल’ बूथ बनाये जाएं. अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें टीकाकरण के लिए आमंत्रित करें. यह अभिभावक के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा के लिए उपयोगी होगा. इसे अभियान के रूप में संचालित किया जाना चाहिए.
वैक्सीनेशन सेंटर पर न हो भीड़-भाड़
कोविड टीकाकरण पूर्णतः निःशुल्क है, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सभी नागरिकों को निःशुल्क टीका-कवर उपलब्ध कराया जा रहा है. कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और प्रभावी ढंग से संचालित की जाए. जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर पूरी कार्ययोजना के साथ वैक्सीनेशन की कार्यवाही का प्रभावी प्रबन्धन किया जाए. वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से सभी वैक्सीनेशन सेंटर पर चलता रहे, इसके लिए एक माह की प्लानिंग पहले से होनी चाहिए. वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया के साथ ही ऑब्जर्वेशन एरिया की व्यवस्था भी होनी चाहिए. वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़-भाड़ न हो, इसके लिए प्लानिंग के साथ जिनका वैक्सीनेशन होना है, उन्हें ही सेंटर पर बुलाया जाए.
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कम्युनिटी किचेन की राज्य स्तरीय मॉनीटरिंग हो
पूरे प्रदेश में स्वच्छता, सैनिटाजेशन एवं फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए. इन कार्यों की सूची जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जाए, जिससे इन कार्यवाहियों के सम्बन्ध में वे आमजन से फीडबैक प्राप्त कर सकें. कम्युनिटी किचन को प्रभावी ढंग से संचालित करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों के साथ ही, मरीजों के परिजनों को भी आवश्यकतानुसार फूड पैकेट उपलब्ध कराए जाएं. कम्युनिटी किचेन की राज्य स्तरीय मॉनीटरिंग हो, इसके लिए इसे वीडियो वॉल से जोड़ा जाना उचित होगा.
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