पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। जैव विविधता दिवस पर पूरे राज्य के सरीसृप पर आधारित किताब का विमोचन किया गया. यह किताब नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी संस्था के द्वारा बनाई गई. इस किताब स्नेक एंड अदर रेप्टाइल्स ऑफ छत्तीसगढ़ मे राज्य मे पाये जाने वाले दुर्लभ और खूबसूरत सरीसृपों का वर्णन हैं इसमें से कई उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व केे घने जंगलों मे पाये जाते हैं. कुछ खास सर्पों के बारे यह किताब राज्य में पाए जाने वाली 75 प्रजाति के सरीसृपों के बारे में है, जिनमें 40 साप, 7 कछुए, 1 मगर और छिपकली के 27 प्रजाति शामिल है. इस किताब में सर्पदंश एवं सर्पों के पहचान से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई है.

उड़ने वाला सांप

क्या सांप भी पक्षियों की तरह उड़ सकते हैं, जवाब है नहीं. लेकिन कुछ सांप जैसे ओरनेट फ्लाइंग स्नके अपने शरीर को चपटा कर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक ग्लाइड करते हैं. कई बार तो देखा गया है की वे 50-100 मीटर तक ग्लाइड कर सकते हैं. यह सांप बेहद दुर्लभ होता है और राज्य मे उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जंगल में पाया गया है.

लता सांप जिसका मुह बांस के पत्ते जैसा होता हैं

वाईन स्नेक पतला लम्बा सांप होता है जिसका मुह बांस के पत्ते जैसा पतला होता है और जंगलों मे पेड़ों पर पाया जाता हैं. यह अंडों को पेट मे सेंक कर बच्चे बाहर निकलता हैं लेकिन यह इतना दुर्लभ होता है की इसे देख पाना मुश्किल होता हैं.

एक जीव जो बिना सर हिलाए अपने चारों तरफ देख सक्ता हो

इंडियन केमेलियोन या झूलन टेट्का लगभग राज्य के सभी वनों मे मिलता हैं. इसके दोनों आंखे एक दूसरे से स्वतंत्र और 300 डिग्री से ज्यादा के गोलाई में देखने सक्षम होते हैं. एक आंख से शिकार को देखते, उसी समय दूसरी आंख से अपने चारों तरफ देख सकता हैं. इसे अन्ध विश्वास के चलते देखते ही मार दिया जाता हैं.

दुर्लभ पहाडी कछुआ

राज्य मे कुछ 7 प्रजाति के कछुए पाये जाते हैं जिनमें दो प्रजाति गरियाबंद मैनपुर के जंगलों मे भी मिलते हैं. उनमें से एक है ट्रैकेरिनेट पहाडी कछुआ, इसके पीट पर तीन पीली लकीरे होती हैं और यह जंगलों मे नदियों के आस पास पाये जाते हैं. इनको यदि हाथ लगाओ तो यह हिस हिस आवाज करता है.

 

22 मई को हर साल विश्व जैव विविधता दिवस के नाम से मनाया जाता है जिसका उद्देश्य राज्य में जैव विविधता के प्रति लोगों को जागरूक करने का होता है. इस उपलक्ष्य पर नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी संस्था के द्वारा बनाई गई किताब जो पूरे राज्य के सरीसृपों पर आधारित हैं, का विमोचन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, और सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड अरुण कुमार पांडे द्वारा राज्य के सरीसृप पर बनी किताब स्नेक एंड अदर रेप्टाइल्स ऑफ छत्तीसगढ़ का विमोचन किया गया.

इसी के साथ संस्था द्वारा पिछले 16 सालों में 20,000 से ज्यादा सांपों एवं वन्यजीवों के बचाव कार्य के लिए सम्मानित किया गया. नोवा नेचर सोसाईटी के एम.सुरज ने बताया कि इस किताब से राज्य के विशेषज्ञ, संस्थाओं एवं छात्रों को इन्हें समझने में काफी मदद मिलेगी,और यह किताब छत्तीसगढ़ के सरीसृप विविधता के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगी.

इस अवसर पर हम कुछ बेहद खास लेकिन दुर्लभ सरीसृप के बारे में जानकारी दिया. बिना पैर वाली छिपकली कुछ छिपकलियां जैसे सांप सिल्ली या स्किन्क सामान्य तौर पर सभी देखते हैं. लेकिन आज तक छत्तीसगढ़ राज्य के सरीसृपों पे कोई भी दस्तावेज नहीं बने थे जो इन जीवों को समझने और उनके संरक्षण में कारगर साबित हो.

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