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सुप्रिया पांडे,रायपुर। सुकमा जिले के सिलगेर गोलीकांड मामले में आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी आदिवासियों के प्रदर्शन का समर्थन किया है. माकपा ने सरकार से मांग की है कि इस पूरी घटना की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से इसकी जांच करानी चाहिए.
मजिस्ट्रेट जांच केवल लीपापोती- माकपा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव संजय पराते का कहना है कि बस्तर 5वीं अनुसूची का क्षेत्र है, जहां पेशा कानून, वन अधिकार कानून लागू है. वहां ग्राम सभा के अनुमति के बिना कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकता है. आदिवासियों की जमीन छीनकर पुलिस कैंप बनाया गया है. इस कैंप की स्थापना गलत है. प्रदर्शन के काफी दिनों बाद मजिस्ट्रेट जांच की घोषणा हुई है, जो केवल लीपापोती करने की कोशिश है.
कुछ भी कहने से बच रहे मंत्री
सिलगेर गोलीकांड मामले में कोंटा विधायक और आबकारी मंत्री कवासी लखमा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि घटना के बारे में ज्यादा बोलना उचित नहीं है, लेकिन उस घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराई जा रही है. मामला संज्ञान में है.
ये है पूरा मामला
बता दें कि 17 मई को सिलगेर पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस दौरान फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस की फायरिंग में 3 लोगों की मौत हुई थी. इस गोलीबारी में 15-20 ग्रामीण घायल हुए थे, जबकि 4 लोगों की हालत नाजुक थी. पुलिस के पास 3 डेड बॉडी थे. अब इसे लेकर विवाद जारी है. इसी को लेकर जांच टीम बनाई गई है.
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