लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 के साथ बैठक की. बैठक में सीएम ने कोरोना माहामारी से बचाव के लिए कई दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की गति प्रदेश में दिनों-दिन मंद पड़ती जा रही है. टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र के अनुरूप कोरोना के खिलाफ हमारी रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है. वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी दर 95.4 फीसदी हो गई है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 58,270 एक्टिव कोरोना मरीज हैं. एक्टिव केस में यह कमी संतोषप्रद है. 30 अप्रैल की 3,10,783 मरीजों की कोविड पीक की स्थिति के सापेक्ष 27 दिन के भीतर मरीजों की संख्या में 81.6 फीसदी गिरावट हुई है.

अब तक 16,06,895 प्रदेशवासी कोविड को हराकर स्वस्थ हो चुके हैं. विगत 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 3,278 केस सामने आए हैं, जबकि इसी अवधि में 6,995 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं. यह संतोषप्रद है कि प्रदेश में कोरोना महामारी की आक्रामकता न्यूनतम हो गई है, लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही अब तक के सभी प्रयासों को निरर्थक बना सकती है. हमें लगातार सतर्क और सावधान रहना होगा. कोविड टेस्टिंग में उत्तर प्रदेश ने शुरुआत से ही एग्रेसिव नीति अपनाई है. प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 80 लाख 68 हजार 329 कोविड टेस्ट हो चुके हैं. बीते 24 घंटे में 3 लाख 47 हजार 821 टेस्ट किए गए हैं. इसमें 1 लाख 59 हजार सैम्पल आरटीपीसीआर के लिए जिलों से भेजे गए हैं. विगत 24 घंटों में टेस्ट पॉजिटिविटी दर मात्र 1 फीसदी रही.

टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के संबंध में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. संक्रमित मरीजों के उपचार में उपयोगी माने जा रहे एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के अतिरिक्त विशेषज्ञों ने दो टैबलेट को भी कारगर पाया है. चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श करते हुए इन टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी सहित जहां कहीं भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग यहां के सभी अस्पतालों के सतत सम्पर्क में रहें, कहीं भी उपयोगी दवाओं का अभाव न हो.

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अभियान चला कर व्यवस्था सुदृढ़ की जाए

प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में इस संबंध विशेष कार्यवाही तेज की जाए. इसके लिए एक विशेष टीम गठित हो, जो इसकी सतत मॉनीटरिंग करे. बेसिक शिक्षा विभाग में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ की तर्ज पर स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग में भी अभियान चला कर व्यवस्था सुदृढ़ की जाए. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सतत जारी रखी जाए. सभी जिलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं. वेंटिलेटर संचालन के लिए एनेस्थेटिक और तकनीशियन की तैनाती भी की गई है. इस संबंध में अभी और मानव संसाधन की आवश्यकता पड़ेगी. ऐसे में आईटीआई व अन्य कौशल विकास केंद्रों से प्रशिक्षित युवाओं को इन उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं. इस संबंध में यथासंभव शीघ्रता से कार्यवाही की जाए.

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