नई दिल्ली। देश में आज सबसे ज्यादा जरूरी है बेहतर हेल्थकेयर सिस्टम, जिससे भरोषे लोग जिंदा रहते हैं. हर कोई चाहता है कि खुद को और अपने परिवार को बेहतर हेल्थकेयर सुविधाएं मिल सके, लेकिन महामारी के वक्त लोगों में डर समाने लगा है. इससे अब अमीर ही नहीं मिडिल क्लास फैमिली भी विदेश में बसना चाह रही है. एक निजी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोग देश छोड़कर विदेश में बसने लगे हैं.

लोग विदेश में बस रहे

दरअसल, कोरोना वायरस ने हर तबके को बर्बाद कर दिया है. कोरोना को लेकर लोगों में खौफ का माहौल है. साथ ही देश में कोरोना के बीच हेल्थकेयर सिस्टम ने लोगों को निराश दर दिया है. पैसा होने के बाद भी लोग अपना और अपने परिजनों की जिंदगी नहीं बचा पा रहे हैं. ऐसे में गरीब के किस्मत में मौत ही लिखी है. जब अमीर अपने आपको सेफ नहीं समझ रहा है, तो गरीब में तो घबराहट होगी ही.

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी ने लोगों को तोड़ दिया है. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम आधा दर्जन वीजा और इमीग्रेशन सर्विस प्रोवाइडर्स का कहना है कि पिछले 2 माह में उनके पास 20 फीसदी ज्यादा क्वेरी आई हैं. आने वाले महीनों में इनकी संख्या और बढ़ने का अनुमान है. क्वेरी की संख्या पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी अधिक है. इनमें से अधिकांश सिफारिश वाली हैं.

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक भारतीयों की ओर से वीजा और इमीग्रेशन सर्विस प्रोवाइडर्स को अमेरिका (US), कनाडा (Canada) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) जैसे सामान्य गंतव्यों के लिए तो क्वेरी प्राप्त हो ही रही हैं. इसके साथ ही छोटे देशों जैसे ऑस्ट्रिया, आयरलैंड, पुर्तगाल, माल्टा, साइप्रस, टर्की, सेंट किट्स और नेवीज आदि के लिए भी क्वेरी मिल रही हैं. भाषा की परेशानी भी इसमें रुकावट नहीं बन रही है.

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक वीजा और इमीग्रेशन सर्विसेज कंपनी iVACS ग्लोबल के डायरेक्टर चरनजीत सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस ने भारत के हर घर को प्रभावित किया है. देश से बाहर बसने की इच्छा रखने वालों में केवल अमीर लोग ही शामिल नहीं हैं. उनका कहना है कि हमें अब ऐसे मिडिल क्लास परिवारों से भी कॉन्टैक्ट किया जा रहा है, जो अपनी पसंद के या फिर बेहतर सुविधाओं की पेशकश वाले देश में परिवार के साथ बसने की संभावना तलाश रहे हैं.

बता दें कि सितंबर 2020 में जारी हुए AfrAsia Bank Global Wealth Migration Review के मुताबिक 2019 में भारत से हाई नेटवर्थ वाले केवल 7000 लोग विदेश जाकर बसे. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़ा 2021 के आखिर तक बढ़ने वाला है. इस बार इसमें केवल अमीर लोग ही शामिल हों, ऐसा नहीं होगा. ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की प्रेसिडेंट ज्योति मयाल का कहना है कि इमीग्रेशन क्वेरी मुख्य रूप से उन लोगों की ओर से बढ़ रही हैं, जो खुद विदेश में काम करते हैं और उनके माता-पिता भारत में अकेले रह रहे हैं.

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